डिजिटल डेस्क- मतदाता सूची सुधार (SIR) प्रक्रिया को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरी प्रक्रिया सत्ताधारी दल भाजपा और उसके सहयोगियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि अंतिम एसआईआर में भी भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं।
एक ही व्यक्ति का नाम तीन-तीन बूथों पर कैसे- जयराम नरेश
जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि एक ही घर में 247 मतदाताओं का नाम कैसे दर्ज हो गया और आखिरकार एक ही व्यक्ति का नाम एक बूथ पर तीन-तीन बार क्यों है? उन्होंने कहा कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित गड़बड़ी है। “जब सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची सुधार को पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से कराने का आदेश दिया था, तो चुनाव आयोग ने उसकी अनदेखी क्यों की? क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इन गंभीर सवालों का जवाब देंगे या पहले की तरह चुप्पी साधे रहेंगे?” रमेश ने कहा।
नाम ज्यादा वहां कटे, जहां चुनाव जीतने का अंतर कम रहा
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या इतनी अधिक है कि वह पिछली बार के चुनाव में विजेता उम्मीदवार के अंतर से भी ज्यादा है। उन्होंने आशंका जताई कि यह कदम जानबूझकर विपक्षी मतदाताओं को हटाने और चुनाव परिणाम प्रभावित करने के लिए उठाया गया है।
चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया- जयराम नरेश
उन्होंने चुनाव आयोग को आगाह करते हुए कहा कि आयोग को सत्ताधारी दल की कठपुतली बनकर काम करने से बचना चाहिए। “भारत का चुनाव आयोग पूरे देश का है, सिर्फ एक राजनीतिक दल का नहीं। इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठना भारत के लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय छवि दोनों के लिए घातक है। उन्होंने दोहराया कि एसआईआर प्रक्रिया को जल्दबाजी में पूरा करने से बेहतर होगा कि आयोग इसे पारदर्शी बनाए और सभी दलों को बराबरी का भरोसा दिलाए। विपक्ष ने साफ कहा है कि अगर यह विसंगतियां ठीक नहीं की गईं तो वे कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर आंदोलन छेड़ेंगे।