उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली चार धाम यात्रा के कपाट बंद होने की तिथियां निश्चित हो चुकी है. आपको बता दे इस बार आपदा की चुनौतियों के बावजूद चार धाम यात्रा श्रद्धालुओं की संख्या में नया रिकॉर्ड बनाते हुए नजर आ रही है.अब तक चार धाम यात्रा व हेमकुंड साहिब के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 46 लाख के पार पहुंच चुका है. जबकि बीते वर्ष पूरे यात्रा काल में 48 लाख श्रद्धालुओं की संख्या को दर्ज किया गया था. प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीड चार धाम यात्रा इस साल 30 अप्रैल को शुरू हुई थी. लेकिन प्रदेश में भारी बारिश अति ओलावृष्टि, बादल फटने, भूस्खलन की घटनाओं से चार धाम के संचालन में काफी बड़ा असर देखने को मिला। इसके बावजूद मौसम की चुनौतियों को देखते हुए कई बार प्रदेश सरकार ने यात्रा को स्थगित भी किया। उत्तरकाशी के धारली व हर्षिल क्षेत्र में आपदा के कारण गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा पूरी तरह से बाधित रही चुनौतियों से पार पाने और मौसम खुलने के बाद चारधाम यात्रा ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। चारों धामों में एक दिन में 14 से 15 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन करे हैं. इस बार भी यात्रा श्रद्धालुओं की संख्या में नया रिकॉर्ड बनाते हुए नजर आ रहा है. केदारनाथ व बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल की रिकॉर्ड के करीब अब तक पहुंच गई है.आपको बता दे चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित होने के चलते केदारनाथ धाम के कपाट 30 अक्टूबर सुबह 8:30 पर बंद होंगे, वही बद्रीनाथ के कपाट 25 नवंबर को दोपहर 2:56 पर बंद होंगे, साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे और गंगोत्री धाम के 22 अक्टूबर दोपहर 11:36 पर शीतकालीन में बंद किए जाएंगे। जिसके चलते सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. लेकिन विपक्ष का यही सरकार पर आरोप है कि सरकार हमेशा चार धाम यात्रा को लेकर कई दावे जरूर करती है. लेकिन धरातल पर व्यवस्थाएं नहीं हो पाती और श्रद्धालुओं को अच्छी खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.
चारधाम यात्रा में इस बार मानसून ने काफी खलल यात्रा में डाला है. बावजूद इसके चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं के उत्साह में कमी नहीं देखी गई वहीं लगातार आ रही आपदा के बावजूद शासन प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने के लिए दिन रात एक कर दिया था। बतौर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चार धाम यात्रा के दरमियान इस बार आपदाओं का प्रकोप काफी रहा बावजूद इसके श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं आई, जहां पर भी आपदा के कारण सड़क टूट गई थी. वहां फिर से सड़कों का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है. और कहीं-कहीं कार्य भी पूरा हो चुका है। साथ ही पर्यटन उपसचिव ने भी पर्यटन और चारधाम यात्रा को लेकर भविष्य में और बेहतर यात्रा करने को लेकर दावा किया है. साथ ही प्रधानमंत्री की योजनाओं के चलते आने वाले समय पर विभाग कई कामों को कर रहा है. ताकि प्रदेश में पर्यटन गुलजार हो सके.
पिछले साल की तुलना में इस बार दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या
धाम 2024 2025 (दो अक्टूबर तक)
केदारनाथ 16,51,880 16,08,744
बदरीनाथ 14,35,401 14,20,518
गंगोत्री 8,18,273 7,07501
यमुनोत्री 7,14,779 6,06106
हेमकुंड साहिब 1,83,592 2,68,208
एक तरफ सरकार यात्रा बेहतर और सुख सुविधाओं से भरपूर रिकॉर्ड तोड़ती व्यवस्थाओं का हवाला दे रही है. तो वहीं विपक्ष ने सरकार की कमियों को बताने का भी काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा का कहना है की यात्रा को सरकार ने एक मजाक के तौर पर बना लिया है. यात्रा में रिकॉर्ड जरूर देखे जा रहे हैं. लेकिन पहाड़ के लोगों को इस यात्रा से कितना लाभ मिल रहा है यह एक बड़ा सवाल है.
कुल मिलाकर के चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं के आने का दावा राज्य सरकार कर रही है. लेकिन विपक्ष सरकार की कमियों और खामियों को बताने का काम इस यात्रा के दौरान कर रहा है. हालांकि चार धाम यात्रा के कपाट बंद होने की तिथि जारी हो चुकी है. फिलहाल से शेष बचे समय में अगर यह यात्रा सामान्य रूप पर चलती है. तो इसमें भी कोई दो राय नहीं की यात्रा इस बार भी अपना रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब रहेगी,साथ ही चारधाम यात्रा के लिए 30 अप्रैल से तीन अक्टूबर तक पंजीकरण का आंकड़ा 57.29 लाख से अधिक पहुंच गया है। इसके लिए 46 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। शुक्रवार को यात्रा के लिए 1900 ऑफलाइन पंजीकरण किए गए।