हैदराबादः जैन समाज के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बोले- जैन समाज का योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़

डिजिटल डेस्क- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि जैन समाज भले ही देश की कुल जनसंख्या का केवल 0.5 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कुल कर संग्रह का लगभग 24 प्रतिशत जैन समुदाय से आता है, जो इस समाज की मेहनत और आर्थिक सक्रियता का प्रतीक है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जैन समाज भारतीय संस्कृति और दर्शन का अहम हिस्सा है। उनका योगदान सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “जैन समुदाय का इतिहास भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा का एक अनमोल उदाहरण है। यह समाज मेहनती, समृद्ध और उच्च आदर्शों वाला है, जो हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

हर क्षेत्र में जैन समाज ने बनाई है पहचान- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने विशेष रूप से जैन समाज के व्यावसायिक और सामाजिक योगदान को भी सराहा। उन्होंने कहा कि चाहे फार्मा, विमानन, शिक्षा या अन्य उद्योग हों, जैन समाज ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि जैन व्यवसायिक और सामाजिक गतिविधियों के जरिए देश की आर्थिक वृद्धि और समाजिक उन्नति में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने जीतो (जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन) कनेक्ट का जिक्र किया, जिसे दुनिया भर के जैन समुदाय के सदस्यों को जोड़ने के लिए बनाया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जीतो नेटवर्किंग, ज्ञान साझा करने और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा देता है। यह संगठन जैन समाज की व्यावसायिक प्रतिभा और संगठनात्मक क्षमता को वैश्विक मंच पर पेश करने का माध्यम है।

भारत दुनिया का कारखाना बनकर उभरेगा- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने भारत की औद्योगिक और उत्पादन क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज भारत खिलौनों से लेकर टैंकों तक लगभग हर चीज बनाने में सक्षम है और आने वाले समय में देश दुनिया का ‘कारखाना’ बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा, “जैन समाज इस विकास में लगातार योगदान दे रहा है और नए रोजगार सृजन, उद्योगिक नवाचार और सामाजिक सेवाओं के जरिए देश को नई दिशा दे रहा है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जैन समाज का दृष्टिकोण और कार्यशैली देश के अन्य समुदायों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने जैन समाज के सदस्यों से आह्वान किया कि वे देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास में ऐसे ही योगदान देते रहें।