शिव शंकर सविता- समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंगलवार को लगभग 34 महीने बाद जेल से बाहर आने वाले हैं। उनकी रिहाई की खबर से समर्थकों और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। सुबह से ही बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक जेल परिसर के बाहर जुटने लगे थे। अधिकारियों ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चार दिन पहले इरफान सोलंकी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि अदालत के आदेश की औपचारिकताओं में देरी के चलते रिहाई में तीन दिन का वक्त और लग गया। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे आधिकारिक आदेश जेल प्रशासन को मिला, जिसके बाद रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
2022 से जेल में, 10 मामले दर्ज
इरफान सोलंकी को दो दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वे लगातार जेल में ही बंद थे। उन पर कुल 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें आगजनी और जमीन विवाद जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। सोलंकी पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दबंगई की, जिसके चलते कानूनी शिकंजा कसता गया और उन्हें लंबी जेल यात्रा करनी पड़ी।
पत्नी बनीं विधायक, अब लौटे परिवार के पास
सोलंकी की गैरमौजूदगी के दौरान, सीसामऊ सीट से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी उपचुनाव में विधायक चुनी गईं। इस तरह सोलंकी परिवार ने राजनीतिक उपस्थिति बनाए रखी। नसीम सोलंकी ने पति की रिहाई को लेकर खुशी जताते हुए कहा, “हमारे लिए यह बहुत बड़ा दिन है। मेरे पति अब परिवार के साथ समय बिताएंगे और पार्टी के लिए काम करेंगे।”
समर्थकों में जश्न जैसा माहौल
इरफान सोलंकी की रिहाई की खबर फैलते ही कानपुर और आसपास के इलाकों से कार्यकर्ता जेल पहुंचने लगे। सपा के झंडे, बैनर और नारों के साथ कार्यकर्ताओं ने इस पल को जश्न में बदल दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इरफान सोलंकी की वापसी से संगठन को मजबूती मिलेगी।
आजम खान की रिहाई के बाद सोलंकी की वापसी
गौरतलब है कि हाल ही में सपा के कद्दावर नेता आजम खान भी सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। ऐसे में सपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं की जेल से वापसी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा दिया है।