धामी ने ठानी, छात्रों ने मानी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की बीते सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने पर सहमति दे दी है। बीते दिन मुख्यमंत्री धामी अचानक परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंच गए। यहां सीएम ने युवाओं का पक्ष सुनने के बाद कहा कि युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं. इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। पिछले चार साल में सरकार ने इसी संकल्प के साथ काम किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहा कि बीते दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरू कर दिया है लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. तो इस कारण सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी। इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है. वो पूरी तरह युवाओं के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है. इमसें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है। सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है. इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबंध है। इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कई मुकदमे दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। वही विपक्ष uksssc परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मुख्यमंत्री की घोषणा से संतुष्ट नहीं है. पार्टी अपना पूर्व घोषित मुख्यमंत्री आवास कूच का कार्यक्रम तीन अक्टूबर को जोर शोर से करने की घोषणा की है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण को लेकर आंदोलनरत युवाओं को आखिरकार राहत मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल दोपहर करीब तीन बजे परेड ग्राउंड पहुंचकर धरना स्थल पर युवाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री ने बेरोजगार युवाओं को देश और प्रदेश का भविष्य बताते हुए भरोसा दिलाया कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई जांच का आदेश मौके से ही जारी कर दिया गया. वहीं युवाओं की ओर से उठाई गई परीक्षा दोबारा कराने की मांग पर सीएम धामी ने कहा कि यह निर्णय आयोग द्वारा एसआईटी और आयोग की जांच रिपोर्ट आने के बाद लिया जाएगा। अगर किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाई जाती है तो परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी आश्वासन दिया कि आंदोलन के दौरान जिन युवाओं पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं. उन्हें वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद बेरोजगार युवाओं ने सामूहिक रूप से आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय ले लिया. हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अगर जांच प्रक्रिया में कोई लापरवाही बरती गई या दोषियों को बचाने की कोशिश हुई. तो वे फिर से आंदोलन का रुख अपना सकते है।

वही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने uksssc परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मुख्यमंत्री की घोषणा से संतुष्ट नहीं है. पार्टी अपना पूर्व घोषित सीएम आवास कूच का कार्यक्रम तीन अक्टूबर को जोर शोर से करेगी यह घोषणा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने की है. मुख्यमंत्री द्वारा आंदोलनरत युवाओं के धरने में पहुंच कर सीबीआई जांच की संस्तुति की घोषणा के तत्काल बाद बुलाई गई पत्रकार वार्ता में धस्माना ने कहा कि पार्टी का यह मानना है कि सीबीआई जांच की संस्तुति उत्तराखंड के बीजेपी के ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एनएच 74 मामले में 2017 में की थी और बाकायदा प्रदेश की विधानसभा में खड़े हो कर ऐलान किया था कि एन एच 74 की जांच पंद्रह दिन में सीबीआई अपने हाथों में ले लेगी. लेकिन फिर पूरे प्रदेश ने देखा कि कैसे आज तक वो जांच सीबीआई अपने हाथों में लेने के लिए आठ सालों बाद भी नहीं आई। धस्माना ने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और मुख्यमंत्री चाहें तो 24 घंटों के अंदर केंद्र सरकार के आदेश पर यह जांच सीबीआई टेकओवर कर सकती है. लेकिन इस संबंध में सीएम ने कहा कि एसआईटी अपनी जांच जारी रखेगी जो फिर वही एन एच 74 वाली आशंका को जन्म दे रहा है। धस्माना ने कहा कि अगर सरकार की नियत साफ है तो सबसे पहले लीक पेपर परीक्षा को कैंसिल कर नई परीक्षा के लिए नई तिथि घोषित की जानी चाहिए थी, यूके ट्रिपल एससी अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया को उनके पद से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए था. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसलिए मुख्यमंत्री की घोषणा से कांग्रेस संतुष्ट नहीं है और इसलिए पार्टी अपना तीन अक्टूबर को सीएम आवास कूच का कार्यक्रम जारी रखेगी. और जोर शोर से पार्टी कार्यकर्ता इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री का घेराव करने आगामी तीन अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से कूच करेंगे।

आपको को बता दे ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे प्रकरण पर बड़ा बयान देते हुए इसे नकल जिहाद भी बता दिया था . उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोचिंग माफिया और नकल माफिया एक साथ मिलकर प्रदेश में नकल जिहाद फैलाने की साजिश रच रहे हैं. छात्रों के भविष्य के साथ कुछ लोग खिलवाड़ कर रहे हैं. उन जिहादियों को सरकार मिट्टी में मिलाने का काम करेगी.यानी अब उन कोचिंग माफियाओं के खिलाफ सरकार एक्शन लेने जा रही है, जिनके प्रदेश में कोचिंग इंस्टिट्यूट चल रहे है, लेकिन वहां क्या कुछ हो रहा है इसकी परतें खंगाली जाएंगी. प्रदेश में जिहादी तत्व के लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन पर सरकार एक्शन लेगी.हालांकि छात्रों की मांग पर सीबीआई के आदेश सरकार ने दे दिए हैं.छात्रों का ये भी मानना है अगर इस पर कोई ठोस निर्णय समय पर नहीं निकल कर आता तो ये आंदोलन फिर प्रदेश में बड़े स्तार पर किया जायेगा।