तेज प्रताप यादव ने अखिलेश यादव को किया ब्लॉक, सोशल मीडिया पर भी अनफॉलो, बोले- “अब कोई बात नहीं होगी”

शिव शंकर सविता- बिहार की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इस बार समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। परिवार और पार्टी से अलग होने के बाद अपनी नई राजनीतिक पहचान बनाने में जुटे तेज प्रताप ने साफ कर दिया है कि अब उनका अखिलेश यादव से कोई रिश्ता नहीं रहा। दरअसल, तेज प्रताप यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वे बताते हैं कि उन्होंने अखिलेश यादव का नंबर ब्लॉक कर दिया है और एक्स (ट्विटर) पर उन्हें अनफॉलो भी कर दिया है। इसका कारण बताते हुए तेज प्रताप ने कहा कि जब अखिलेश यादव हाल ही में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बिहार आए थे, तब उन्होंने कई बार कॉल और मैसेज किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

अखिलेश यादव द्वारा रिप्लाई न देने से हैं नाराज

तेज प्रताप का कहना है कि उन्होंने यहां तक कि उस होटल में भी संदेश भिजवाया जहां अखिलेश यादव ठहरे थे, मगर सपा अध्यक्ष की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई। उन्होंने कहा कि पहले बातचीत होती रहती थी, लेकिन उस दिन के बाद अब बिल्कुल खामोशी है। यही वजह है कि मैंने उनका नंबर ब्लॉक कर दिया और सोशल मीडिया से भी अनफॉलो कर दिया। अब कोई बातचीत नहीं होगी। तेज प्रताप के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। माना जा रहा है कि यह कदम उनकी निजी नाराजगी के साथ-साथ चुनावी रणनीति का हिस्सा भी है।

नई पार्टी के साथ नई पारी

तेज प्रताप यादव ने हाल ही में अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) का गठन किया है। वे खुद इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से पार्टी का नाम, चुनाव चिह्न और नीतियों की घोषणा की। चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी को “ब्लैक बोर्ड” चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। तेज प्रताप ने पार्टी का नारा दिया है— “जन-जन की शक्ति, जन-जन का राज, बिहार का विकास करेंगे तेज प्रताप।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार के संपूर्ण विकास और बदलाव के लिए समर्पित है। उनका उद्देश्य राज्य में नई व्यवस्था और सकारात्मक परिवर्तन लाना है।

राजनीति में “नए रिश्ते, नई दूरी”

तेज प्रताप यादव का अखिलेश यादव को ब्लॉक और अनफॉलो करना महज एक निजी फैसला नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे उनकी नई राजनीतिक राह का हिस्सा भी समझा जा रहा है। तेज प्रताप लगातार जनता के बीच जाकर अपनी छवि गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। परिवार से अलग होने और राष्ट्रीय जनता दल से दूरी बनाने के बाद वे अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने के लिए कोई भी जोखिम उठाने से पीछे नहीं हट रहे।