KNEWS DESK- बहुचर्चित परीक्षा नकल प्रकरण में आरोपी खालिद को लेकर फैलाई गई “नीली कुर्सी” की कहानी एसआईटी की जांच में निराधार साबित हुई है। जांच में खुलासा हुआ कि परीक्षा केंद्र में सिर्फ एक नहीं, बल्कि दो नीली कुर्सियां थीं, और स्कूल में सामान्य व्यवस्था के तहत नीली और काली दोनों रंगों की कुर्सियां विभिन्न कक्षों में पहले से ही मौजूद थीं।
जांच में सामने आया कि परीक्षा केंद्र में सिर्फ खालिद के लिए कोई विशेष कुर्सी नहीं रखी गई थी। एसआईटी ने शनिवार को परीक्षा केंद्र का दौरा किया, कक्षों में जाकर कुर्सियों की स्थिति की जांच की और स्कूल प्रबंधन से बात की।
रिपोर्ट के अनुसार खालिद के परीक्षा कक्ष में दो नीली कुर्सियां थीं, एक पर वह स्वयं बैठा था और दूसरी पर कोई अन्य परीक्षार्थी। कुछ कक्षों में नीली कुर्सियों की संख्या ज्यादा थी, तो कुछ में काली कुर्सियों की। यह स्कूल की सामान्य बैठने की व्यवस्था का हिस्सा था, न कि खालिद के लिए कोई विशेष साजिश।
खालिद के मोबाइल के उपयोग को लेकर जैमर की व्यवस्था पर भी सवाल उठे थे। जांच में यह बात सामने आई कि जिस कक्ष में खालिद बैठा था, वहां प्रत्यक्ष रूप से जैमर नहीं था लेकिन दोनों ओर के कक्षों में जैमर लगे हुए थे, जिनकी रेंज 10 से 15 मीटर तक होती है। इस वजह से खालिद का कक्ष भी जैमर की रेंज में था, जिससे वह मोबाइल से फोटो तो खींच पाया, लेकिन उन्हें वहीं से भेज नहीं पाया।
एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया कि खालिद कई दिनों से नकल की योजना बना रहा था। उसने परीक्षा से एक दिन पहले ही मोबाइल छिपा लिया था। परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो खींचकर वॉशरूम जाकर बाहर भेजी, लेकिन इसके पहले कि उत्तर आते, वह पकड़ा गया। अंतिम रूप से वह करीब 35 सवाल ही हल कर पाया, जिनमें कुछ के उत्तर गलत भी हो सकते हैं।