शिव शंकर सविता- राजधानी दिल्ली का करीब 300 साल पुराना मेहरम नगर गांव, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बसा है, आज भारी संकट से गुजर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने सितंबर के दूसरे हफ्ते में गांववालों को अचानक नोटिस देकर आदेश दिया था कि वे 30 सितंबर तक गांव खाली कर दें। इस नोटिस ने 15 हजार की आबादी वाले गांव को दहशत और गुस्से में डाल दिया। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाते हुए 16 दिसंबर तक का स्टे दिया है, लेकिन ग्रामीणों की चिंता खत्म नहीं हुई। उनका कहना है कि सरकार और एजेंसियां कभी भी दोबारा दबाव बना सकती हैं।
ग्रामीणों का आक्रोश, सरकार पर सवाल
गांव वालों का साफ कहना है कि यह गांव सिर्फ उनका ठिकाना नहीं बल्कि इतिहास और संस्कृति की धरोहर है। अगर इसे उजाड़ा गया तो न सिर्फ सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे बल्कि दिल्ली का एक अहम ऐतिहासिक हिस्सा भी मिट जाएगा। लोगों का आरोप है कि केंद्र सरकार की नीतियां गरीब और आम नागरिक विरोधी हैं। पहले झुग्गी-झोपड़ी वालों पर बुलडोज़र चला, फिर अनाधिकृत कॉलोनियों को तोड़ा गया और अब बारी दिल्ली के मूल निवासियों की आ गई है।
आम आदमी पार्टी ग्रामीणों के साथ
शनिवार से शुरू हुई दो दिवसीय महापंचायत में आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह पहुंचे और ग्रामीणों का समर्थन किया। वहीं रविवार को कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव भी पहुंचे, लेकिन पंचायत का स्वरूप साफ तौर पर आम आदमी पार्टी के पक्ष में दिखा। AAP के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि
“ये गांव सैकड़ों साल पुराना है और यहां रहने वाले दिल्ली के मूल निवासी हैं। सरकार अब झुग्गियों और कॉलोनियों के बाद गांवों को भी उजाड़ने पर तुली है। मेहरम नगर की लड़ाई सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि दिल्ली के 365 गांवों की है, और आज सब एकजुट होकर खड़े हैं।”
36 बिरादरी और 360 गांवों का समर्थन
महापंचायत में न केवल मेहरम नगर बल्कि आस-पास के 36 बिरादरी और 360 गांवों के प्रधान भी शामिल हुए। सबने एक सुर में कहा कि सरकार का यह कदम तानाशाही है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
AAP ने दिया आश्वासन
आम आदमी पार्टी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जब तक सरकार यह नोटिस वापस नहीं लेती, वे उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। AAP नेताओं ने इसे “सरकार की गुंडागर्दी” बताते हुए कहा कि अब गांव-गांव में आंदोलन खड़ा होगा।