डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हालात अचानक बिगड़ गए। नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और भड़काऊ नारेबाजी शुरू कर दी। भीड़ की उग्रता बढ़ते ही पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा और हालात काबू से बाहर न जाएं, इसके लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान मौके पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और जूते-चप्पल सड़कों पर बिखरे नजर आए।
मौलाना तौकीर रजा की अपील से जुटी भीड़
जानकारी के मुताबिक, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया ग्राउंड में इकट्ठा होकर “आई लव मोहम्मद” पोस्टर विवाद पर अपनी ताकत दिखाएं। हालांकि, खुद मौलाना मौके पर नहीं पहुंचे, लेकिन उनकी अपील पर सैकड़ों लोग नमाज के बाद सड़कों पर निकल पड़े। भीड़ इस्लामिया मैदान की ओर जाने की ज़िद पर अड़ गई। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन लोग नहीं माने और नारेबाजी तेज हो गई। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
पुलिस की सख्ती और वायरल वीडियो
पुलिस के लाठीचार्ज का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें पुलिसकर्मी भीड़ पर दौड़-दौड़कर डंडे बरसाते दिख रहे हैं। इस बीच कुछ जवानों की आवाज सुनाई दी – “अरे पीटो नहीं, मर जाएंगे यार…”। वीडियो में बड़ी संख्या में लोग भागते दिख रहे हैं और सड़क पर जगह-जगह जूते-चप्पल बिखरे पड़े हैं।
पुराना विवाद और प्रशासन की तैयारी
बता दें कि मौलाना तौकीर रजा का नाम इससे पहले भी बरेली में हुए दंगों से जोड़ा जा चुका है। 2010 में भी उन पर दंगा भड़काने का आरोप लगा था। इस बार भी उनके बयान से हालात बिगड़ गए। दरअसल, “आई लव मोहम्मद” पोस्टर विवाद की शुरुआत कानपुर से हुई थी और फिर यह मामला बरेली तक पहुंच गया। प्रशासन ने पहले ही सतर्कता बरतते हुए इस्लामिया इंटर कॉलेज में धरने की अनुमति नहीं दी थी और धारा 144 लागू कर दी थी। इसके बावजूद जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़क पर आ गई और शहर का माहौल गरमा गया।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
बवाल के बाद पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में पैनी नजर रखी जा रही है ताकि हालात दोबारा न बिगड़ें। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।