KNEWS DESK-शारदीय नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप को समर्पित होता है। साल 2025 में नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना के लिए निर्धारित है। इस बार एक अतिरिक्त तिथि पड़ने के कारण छठे दिन पांचवा व्रत किया जाएगा।

मां स्कंदमाता का महत्व
मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं। इन्हें गोद में कार्तिकेय को लिए हुए कमल के फूल पर विराजमान दर्शाया जाता है। मां स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और शांति का वास होता है।
- निसंतान दंपतियों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- मां की आराधना से संतान की रक्षा और लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- मां स्कंदमाता की कृपा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
पूजा का शुभ दिन और तिथि
- तिथि: 27 सितंबर 2025, शनिवार
- अवसर: शारदीय नवरात्रि का छठा दिन और पांचवा व्रत
- इस दिन भक्त पूरे श्रद्धा भाव के साथ मां स्कंदमाता का पूजन करते हैं और व्रत रखते हैं।
मां स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं
कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कहीं पहाड़ों पर है डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाए तेरे भगत प्यारे
भक्ति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इंद्र आदि देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए
तुम ही खंडा हाथ उठाए
दास को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुराने आई
शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मां स्कंदमाता की उपासना के लिए अत्यंत शुभ है। भक्त इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा कर अपने जीवन में सुख-शांति और संतान सुख की कामना करते हैं। मां की आराधना से जीवन के कष्ट दूर होकर परिवार में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।