लद्दाख हिंसा पर सोनम वांगचुक का बड़ा हमला, बोले– जेल में रहा तो सरकार की मुश्किलें और बढ़ेंगी

डिजिटल डेस्क- लद्दाख में हाल ही में भड़की हिंसा को लेकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। वांगचुक ने साफ शब्दों में कहा कि हिंसा की जड़ बेरोजगारी और अधूरी मांगें हैं, जिन्हें लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें गिरफ्तार किया गया तो सरकार को बाहर से ज्यादा जेल में रहकर उनसे परेशानी होगी। वांगचुक ने गुरुवार को गृहमंत्रालय के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असली समस्या सुलझाने के बजाय बलि का बकरा तलाश रही है। उन्होंने कहा कि मुझे पीएसए (जनसुरक्षा कानून) के तहत दो साल के लिए जेल भेजने की तैयारी हो रही है। मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन यह सरकार के लिए और मुश्किलें खड़ी करेगा।

युवाओं की नाराजगी को बताया असली वजह

वांगचुक ने कहा कि पिछले छह सालों से बेरोजगारी और अधूरे वादों ने युवाओं का धैर्य तोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ आंशिक आरक्षण का दिखावा कर रही है, जबकि वास्तविक मांग राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का विस्तार अब भी अधूरा है।

बीते दिन हुई थी लेह में अब तक की सबसे बड़ी हिंसा

बुधवार को राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लेह में आंदोलन हिंसक हो गया। इस दौरान पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। गुस्साई भीड़ ने बीजेपी दफ्तर और हिल काउंसिल को निशाना बनाया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हालात बिगड़ने पर पूरे लेह जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया।

गृहमंत्रालय और उपराज्यपाल की प्रतिक्रिया

घटना के बाद गृहमंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हिंसा भड़काने के पीछे राजनीतिक रूप से प्रेरित व्यक्तियों और वांगचुक जैसे नेताओं के बयान जिम्मेदार हैं। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि कोई भी भड़काऊ या पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर साझा न किया जाए। वहीं, उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने इसे सुनियोजित साजिश बताया और कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।