डिजिटल डेस्क- अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 47 पैसे गिरकर 88.75 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह रुपया का अब तक का सबसे निचला स्तर है। घरेलू मुद्रा पर अमेरिका के एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी का दबाव दिखा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.41 पर खुला और दिनभर फिसलते हुए 88.76 के सर्वकालिक निचले स्तर तक पहुंच गया।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी
मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिकी वीजा शुल्क वृद्धि घरेलू बाजार की धारणा को कमजोर कर रही है। इससे एफआईआई की निकासी बढ़ सकती है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रुपया को आंशिक सहारा दे सकती है।
ब्रेंट क्रूड 66.84 डॉलर प्रति बैरल
विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉलर-रुपया का हाजिर भाव निकट भविष्य में 88.45 से 89.20 के बीच रह सकता है। इधर, डॉलर इंडेक्स 0.06% गिरकर 97.28 पर आ गया। वहीं, ब्रेंट क्रूड 0.41% बढ़कर 66.84 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा। घरेलू शेयर बाजार में भी कमजोरी रही। सेंसेक्स 57.87 अंक टूटकर 82,102.10 पर और निफ्टी 32.85 अंक फिसलकर 25,169.50 पर बंद हुआ। सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2,910 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी। उधर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। वार्ता का मकसद पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्र पूरा करना है।