वृंदावन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का होगा भव्य स्वागत, पुलिस प्रशासन ने तैयारियों को किया पूरा

KNEWS DESK- ब्रजभूमि वृंदावन गुरुवार को ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनेगी, जब देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, श्रीकृष्ण की लीलाभूमि में पदार्पण करेंगी। उनके स्वागत की तैयारियों ने मथुरा-वृंदावन को एक नए रूप में सजा दिया है। हर गली, हर मोड़ और हर मंदिर जैसे कान्हा की कथाओं को जीवंत कर रहा हो।

राष्ट्रपति के स्वागत में स्थानीय प्रशासन, कलाकार, संत समाज और आम जन एकजुट होकर जुटे हुए हैं। छटींकरा से लेकर बांकेबिहारी मंदिर, निधिवन और सुदामा कुटी तक का मार्ग फूलों, रंग-बिरंगी झंडियों और ब्रज की पारंपरिक सजावट से सुसज्जित कर दिया गया है। सड़कों की मरम्मत, दीवारों की रंगाई और मंदिरों की साफ-सफाई ने पूरे क्षेत्र को उत्सवमय बना दिया है।

वृंदावन रेलवे स्टेशन, जो अब तक उपेक्षा का शिकार था, अब नई चमक के साथ राष्ट्रपति की अगवानी को तैयार है। यह परिवर्तन देखकर स्थानीय लोगों में भी खासा उत्साह है।

राष्ट्रपति के आगमन पर दो दर्जन से अधिक स्थानों पर ब्रज के कलाकार पारंपरिक लोक कलाएं प्रस्तुत करेंगे। लोक गायन, रासलीला, मृदंग वादन और पखावज की थाप राष्ट्रपति का स्वागत करेंगी। ब्रज की सांस्कृतिक आत्मा उनके स्वागत में अपने पूरे रंग में होगी।

सुबह 10 बजे राष्ट्रपति वृंदावन पहुंचेंगी। सबसे पहले वह श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करेंगी, जहां वे देहरी पूजन और चांदी के दीपक में गिर गाय के घी से दीपदान करेंगी। इसके बाद वह निधिवन और फिर सुदामा कुटी जाएंगी, जहां वह ‘भजनकुटी’ का लोकार्पण करेंगी।

विशेष बात यह होगी कि राष्ट्रपति अपनी माता के नाम पर ‘कल्पवृक्ष’ का पौधा भी रोपेंगी, जो ब्रज भूमि से उनके आध्यात्मिक जुड़ाव का प्रतीक होगा।

सुदामा कुटी को राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए पूरी तरह से निखार दिया गया है। महंत सुतीक्ष्णदास महाराज ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति आश्रम में गोपूजन करेंगी और लगभग 50 चयनित संतों के साथ आध्यात्मिक चर्चा करेंगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण देने वह स्वयं दिल्ली गए थे, और राष्ट्रपति ने आश्रम आने का वादा निभाते हुए यह विशेष दिन सुनिश्चित किया।