आजम खान रिहा, योगी सरकार के दौरान जेल में कब और कितना बिताया समय

KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान मंगलवार की सुबह लगभग 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। उन्हें कई आपराधिक मामलों में दर्ज मुकदमों में जमानत मिल चुकी है। आजम खान को लेने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम सहित समर्थक भी सीतापुर जेल पहुंचे। जेल प्रशासन ने आजम खान की रिहाई के दौरान कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे।

आजम खान ने 26 फरवरी 2020 को रामपुर की अदालत में सरेंडर किया था, जहां उन्हें जालसाजी के एक मामले में जेल भेजा गया था। उनकी पत्नी और बेटे को भी जेल भेजा गया था, लेकिन बाद में वे रिहा हो गए जबकि आजम खान जेल में रहे। साल 2022 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, लेकिन अक्टूबर 2023 में एक नया मामला दर्ज होने पर उन्होंने फिर रामपुर कोर्ट में सरेंडर किया और वापस सीतापुर जेल भेज दिए गए।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, आजम खान पर कुल 111 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से सात मामलों में अंतिम रिपोर्ट लग चुकी है, एक मामले में उन्हें कोर्ट ने बरी किया है और नौ मामले समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा वापस भी लिए गए थे। छह मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई थी, लेकिन अब उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल गई है। हालांकि, उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोपों की सुनवाई 1 अक्टूबर को होनी है।

आजम खान के वकील जुबैर अहमद खान ने बताया कि रामपुर पुलिस की ओर से 2020 में दर्ज एक एफआईआर में तीन नए आरोप लगाए गए थे, जिनके खिलाफ वे पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। इस मामले में भी जमानत मिल चुकी है। इससे पहले भी पुलिस द्वारा लगाए गए अतिरिक्त आरोपों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था और जमानत मिल गई थी।

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद आजम खान की मुश्किलें बढ़ीं। उन्हें भूमाफिया घोषित किया गया और उनके खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज किए गए। आजम खान को पहली बार 26 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वे लगभग 27 महीने जेल में रहे। बाद में 18 अक्टूबर 2023 को फिर जेल जाना पड़ा, जहां से अब रिहा हुए हैं। योगी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में आजम खान कुल मिलाकर लगभग 50 महीने जेल में बिताने को मजबूर हुए।

पश्चिमी यूपी में खासकर रामपुर क्षेत्र में आजम खान का कद बहुत बड़ा माना जाता है। उनकी रिहाई के बाद सपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह है और राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि आजम खान की वापसी से समाजवादी पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती मिलेगी।