गूगल क्रोम में आया नया AI असिस्टेंट Gemini, बदल देगा ब्राउज़िंग का तरीका

KNEWS DESK – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ चैटबॉट्स और ऐप्स तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधे वेब ब्राउज़र में घुस चुका है। इसी कड़ी में गूगल ने अपने लोकप्रिय ब्राउज़र क्रोम (Chrome) में नया AI असिस्टेंट Gemini लॉन्च किया है। कंपनी का कहना है कि यह फीचर इंटरनेट पर जानकारी पाने और रोजमर्रा के कामों को पहले से कहीं आसान बना देगा।

क्या-क्या कर पाएगा Gemini?

Gemini अब आपके ब्राउज़िंग अनुभव को पर्सनल असिस्टेंट की तरह संभालेगा।

  • किसी वेबपेज का सारांश निकालना
  • कई टैब्स को मैनेज और ऑर्गनाइज करना
  • सीधे ब्राउज़र से ही मीटिंग शेड्यूल करना
  • यूट्यूब वीडियो सर्च करना
  • गूगल कैलेंडर और मैप्स जैसी सेवाओं का उपयोग करना

यानि ब्राउज़र के अंदर ही आपको AI असिस्टेंट मिल जाएगा, जो आपके काम करने के तरीके को बदल देगा।

ब्राउज़र बना AI का युद्धक्षेत्र

गूगल का यह कदम OpenAI, Anthropic और Perplexity जैसे AI स्टार्टअप्स की चुनौती का सीधा जवाब माना जा रहा है। OpenAI ने हाल ही में Operator नाम का एजेंट लॉन्च किया है, जो ब्राउज़र के जरिए टास्क पूरे कर सकता है। Anthropic ने Claude AI पर आधारित ब्राउज़र एजेंट पेश किया है। Perplexity ने भी अपना AI ब्राउज़र Comet उतारा है।

स्पष्ट है कि आने वाले समय में इंटरनेट ब्राउज़र ही AI इनोवेशन का असली मैदान होंगे।

एड्रेस बार में AI मोड

गूगल ने क्रोम के एड्रेस बार को भी स्मार्ट बना दिया है। अब इसमें AI मोड मिलेगा, जहां आप जटिल सवाल टाइप कर सकते हैं और तुरंत फॉलो-अप क्वेश्चन पूछ सकते हैं। जवाबों के साथ-साथ यह आपको भरोसेमंद वेब लिंक भी देगा, ताकि आप और विस्तार से जानकारी जुटा सकें।

फिलहाल Gemini अमेरिका में मैक और विंडोज यूजर्स के लिए उपलब्ध है। जल्द ही इसे एंड्रॉयड और iOS मोबाइल पर भी रोलआउट किया जाएगा। इससे चलते-फिरते भी आप पेज का सारांश या सवाल-जवाब निकाल सकेंगे। वहीं, गूगल वर्कस्पेस यूज़र्स को इसमें एंटरप्राइज-ग्रेड डेटा प्रोटेक्शन मिलेगा।

एजेंटिक AI की ओर कदम

गूगल ने भविष्य का रोडमैप भी साफ किया है। आने वाले महीनों में Gemini को एजेंटिक AI बनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि यह न सिर्फ जानकारी देगा, बल्कि आपके लिए काम भी करेगा—जैसे हेयरकट बुक करना, हफ्ते का ग्रॉसरी ऑर्डर करना या दूसरी पर्सनल टास्क संभालना।

कंपनी का कहना है कि यह फीचर पहले गूगल के इंटरनल प्रोजेक्ट Mariner का हिस्सा था, जिसे कर्मचारियों ने काफी पसंद किया था। अब इसे दुनिया भर के यूजर्स तक पहुंचाने की तैयारी है।