बिहारः तेजस्वी यादव के पेन बांटने से तेज हुई राजनीति, भाजपा ने कलम राजनीति पर कसा तंज

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अपनी ‘बिहार अधिकार यात्रा’ को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं। इस यात्रा के दौरान उनका जोर खासकर युवा और छात्र वोटरों पर है। मोकामा में यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव छात्रों को पेन बांटते नजर आए, लेकिन उनके इस कदम ने राज्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने इसे ‘पेन पॉलिटिक्स’ करार देते हुए उन पर तंज कसना शुरू कर दिया है। जेडीयू के विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने तेजस्वी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “कलम बांटने से पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि किस शासन में बिहार की बड़ी आबादी को अशिक्षित रखने की साजिश रची गई थी।”

लालू सरकार के दौरान शुरू हुए चरवाहा स्कूल का किया जिक्र

उन्होंने तेजस्वी के परिवार की सरकार के दौरान शुरू किए गए चरवाहा विद्यालय का हवाला देते हुए कहा कि यह योजना बच्चों को शिक्षा से दूर करने की साजिश थी। नीरज कुमार ने नीतीश सरकार की शिक्षा नीतियों की तुलना करते हुए कहा कि पहले चरवाहा विद्यालय में ₹4.50 फीस पर बच्चों को पढ़ाया जाता था, जबकि आज गरीब बच्चों को मात्र ₹5 फीस पर पॉलिटेक्निक जैसे संस्थानों में दाखिला मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने शिक्षा को नई दिशा दी है और गरीब परिवारों के बच्चों को भी उच्च शिक्षा तक पहुंचाने का रास्ता खोला है।

तेजस्वी यादव पर कसा तंज, बोले- कलम फेंकने में माहिर

यही नहीं, जेडीयू प्रवक्ता ने तेजस्वी पर व्यक्तिगत कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी कलम पकड़ने में नहीं बल्कि कलम फेंकने में माहिर हैं। यही वजह है कि पर्याप्त अवसर होने के बावजूद वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए।” कुल मिलाकर, चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का ‘कलम वितरण’ जहां युवाओं को जोड़ने का एक नया प्रयास है, वहीं जेडीयू इसे उनके अधूरे शैक्षणिक सफर और अतीत से जोड़कर कटाक्ष करने में जुट गई है।