डिजिटल डेस्क- अमरोहा जिले के जिला अस्पताल में बुधवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब मरीज के परिजनों और डॉक्टर के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। दरअसल, परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन कराने के नाम पर अस्पताल स्टाफ ने उनसे मोटी रकम की मांग की थी। थाना देहात क्षेत्र के रहने वाले एक मरीज को गांठ का ऑपरेशन कराने के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। मरीज के परिजनों का कहना है कि अस्पताल के फिजियोथेरेपिस्ट शनि चौधरी ने खुलेआम ऑपरेशन के बदले अवैध रूप से बड़ी रकम की मांग की। इस पर परिजन भड़क गए और तत्काल इसकी शिकायत अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से कर दी।

फिजियोथेरेपिस्ट को किया गया निलंबित
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और आरोपी फिजियोथेरेपिस्ट शनि चौधरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस फैसले के बाद अस्पताल परिसर में हलचल मच गई। मरीजों और उनके परिजनों के बीच चर्चा का विषय यही बन गया कि आखिर सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार कब तक पनपता रहेगा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि अस्पताल में किसी भी प्रकार की अवैध वसूली को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेहतर और नि:शुल्क सुविधा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। यदि कोई भी कर्मचारी इस व्यवस्था को धूमिल करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आरोप सिद्ध होने पर होगी बड़ी कार्रवाई
इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है और उच्चाधिकारियों को भी इसकी जानकारी भेजी गई है। माना जा रहा है कि यदि आरोप साबित होते हैं तो आरोपी के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई हो सकती है। अस्पताल में हुए इस विवाद के बाद मरीजों के परिजनों में नाराजगी साफ देखने को मिली। लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल जैसे सरकारी संस्थानों में जहां गरीब और जरूरतमंद लोग इलाज कराने आते हैं, वहां पैसे की मांग होना बेहद शर्मनाक है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों का भरोसा टूटता है।