KNEWS DESK- केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले तोहफों की सातवीं ई-नीलामी का आधिकारिक ऐलान किया है। यह नीलामी 17 सितंबर 2025 से 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगी, जिसमें लगभग 1300 से अधिक तोहफे ऑनलाइन बोली के लिए रखे जाएंगे।
नीलामी का आयोजन नई दिल्ली में स्थित नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (NGMA) द्वारा किया जा रहा है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस नीलामी की औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि इस बार पेंटिंग, मूर्तियां, कलाकृतियां, देवी-देवताओं की मूर्तियां, साथ ही कुछ खेल सामग्री भी नीलामी में शामिल हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री स्मृति चिन्हों की पहली नीलामी जनवरी 2019 में हुई थी, तब से अब तक हजारों उपहारों की नीलामी की जा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने सभी स्मृति चिन्हों को जनकल्याण के लिए समर्पित किया है।
नीलामी में शामिल सबसे महंगे तोहफे में भवानी माता की एक मूर्ति है, जिसकी कीमत 10,39,500 रुपये तय की गई है। इसके अलावा पैरा ओलंपिक मेडल विजेता अजीत सिंह, सिमरन शर्मा और निशाद कुमार के जूते भी 7,70,000 रुपये की कीमत के साथ इस सूची में शामिल हैं। राम मंदिर का मॉडल भी इस नीलामी में 5,50,000 रुपये की कीमत के साथ प्रमुख आकर्षण रहेगा।
वहीं, सबसे कम कीमत वाले तोहफों में लाल चुनरी विद गोल्ड मिरर (600 रुपये), कमल चिन्ह वाला भगवा अंगवस्त्र (800 रुपये), और नारंगी कढ़ाई वाला अंगवस्त्र (900 रुपये) शामिल हैं।
अब तक इन नीलामियों से करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की जा चुकी है, जो गंगा सफाई और जनकल्याण योजनाओं में उपयोग की जा रही है। यह नीलामी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों को आम जनता तक पहुंचाने और उनसे प्राप्त राशि से देश के विकास कार्यों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनी हुई है।
इस बार भी नीलामी में भाग लेने के लिए www.pmmementos.gov.in पर जाकर लोग ऑनलाइन बोली लगा सकते हैं और देश की सांस्कृतिक धरोहरों का हिस्सा बन सकते हैं।
यह नीलामी न केवल भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करती है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों के लिए जनता की भागीदारी को भी बढ़ावा देती है।