हमीरपुर जेल कांड: जेलर-डिप्टी जेलर सहित आठ पर हत्या का मुकदमा दर्ज, अवैध वसूली का विरोध करना पड़ा बंदी को भारी

डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की जिला कारागार में हुए सनसनीखेज कांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। अवैध वसूली का विरोध करने पर बंदी अनिल तिवारी की पीट-पीटकर हत्या के मामले में आखिरकार जेल प्रशासन पर कानूनी शिकंजा कस गया है। मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने जेलर, डिप्टी जेलर, राइटर, पुलिस सिपाही और तीन लंबरदारों सहित आठ लोगों के खिलाफ हत्या व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

अवैध वसूली का विरोध बना मौत की वजह

आरोप है कि जिला कारागार में लंबे समय से अवैध वसूली का खेल चल रहा था। जेल के भीतर हर बंदी से प्रतिदिन 200 रुपये वसूले जाते थे। जब अनिल तिवारी ने इसका विरोध किया तो जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

परिजनों का धरना-प्रदर्शन

अनिल तिवारी की मौत के बाद उसके परिजन लगातार इंसाफ की मांग कर रहे थे। मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी ने स्पष्ट कहा था कि जब तक आरोपियों पर मुकदमा दर्ज नहीं होता और प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों के आक्रोश के चलते जिला प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधियों को बीच-बचाव करना पड़ा।

प्रशासन और परिजनों में बनी सहमति

आखिरकार सर्किट हाउस में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और भाजपा जिला अध्यक्ष की मौजूदगी में परिजनों से वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद सहमति बनी कि शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक के दो परिजनों को नगर पालिका सदर में नौकरी दी जाएगी और उसकी पत्नी को विधवा पेंशन का लाभ मिलेगा।

प्रशासन की मुश्किलें बढ़ीं

जेलर चांडिला, डिप्टी जेलर संगेश, राइटर विनय सिंह, पुलिस सिपाही अनिल यादव और तीन लंबरदारों पर हत्या सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बाद अब जिला प्रशासन पर आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव है।