KNEWS DESK- भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतिक सफलता को लेकर अब पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क से बड़ा खुलासा हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के करीबी मसूद इलियास कश्मीरी ने खुलासा किया है कि इस स्ट्राइक में मसूद अजहर का पूरा परिवार टुकड़ों में बिखर गया। यह बयान 5 महीने बाद सामने आया है, जो बताता है कि 7 मई की रात को बहावलपुर में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई ने जैश के भीतर कितनी बड़ी तबाही मचाई।
इलियास कश्मीरी, जो जैश-ए-मोहम्मद के उपदेशक विंग का प्रमुख है, ने एक रैली में कहा “7 मई की रात को जब बहावलपुर में मसूद अजहर के मदरसे पर अटैक हुआ, तब उसके परिवार के 14 सदस्य सो रहे थे… हम टुकड़ों में बिखर गए।”
भारतीय वायुसेना के हमले में मसूद की बड़ी बहन और जीजा की मौत की पुष्टि पाकिस्तानी मीडिया भी कर चुका है। मसूद अजहर ने इस हमले के बाद एक पत्र जारी किया था जिसमें उसने लिखा “मैं भी अब जीना नहीं चाहता… हमने यह कुर्बानी क्यों दी, यह सोचने की ज़रूरत है।” इस हमले के बाद से मसूद अजहर पूरी तरह से अंडरग्राउंड है, और उसका कोई सुराग अब तक नहीं मिला है।
इस ऑपरेशन की शुरुआत अप्रैल 2025 के आखिरी हफ्ते में पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हमले के बाद हुई थी, जिसमें 26 निर्दोष भारतीय नागरिक मारे गए थे। इस हमले के जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया।
इस ऑपरेशन में पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, लश्कर और जैश जैसे संगठनों के मुख्य ठिकाने थे निशाने पर, करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया, एयरस्ट्राइक का केंद्र पाकिस्तान अधिकृत बहावलपुर और मुज़फ्फरगढ़ रहा। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, और ज़रूरत पड़ने पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
इलियास कश्मीरी, जो अब इन खुलासों के साथ सामने आया है, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। उसे मसूद अजहर का सबसे भरोसेमंद आदमी माना जाता है और वह युवाओं को ब्रेनवॉश कर आतंक की राह पर ले जाने में माहिर है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में दावा किया था कि “पाकिस्तान की धरती पर कोई आतंकवादी मौजूद नहीं है।” वहीं पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि “मसूद अजहर जैसे आतंकी अब अफगानिस्तान में छिपे हो सकते हैं।” ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि “आतंक का जवाब अब सीधी कार्रवाई से मिलेगा।”
यह ऑपरेशन सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी था — कि भारत अब आतंक की फैक्ट्री को जड़ से खत्म करने की नीति पर काम कर रहा है।हालांकि अफगानिस्तान सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।