शिव शंकर सविता- सोमवार की शाम कानपुर के काकादेव इलाके में उस वक्त दिल दहला देने वाला मंजर सामने आया, जब कक्षा नौ की छात्रा संस्कृति आनंद (15) ने रेलवे ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या कर ली। ट्रेन से कटे छात्रा के दो टुकड़े होते ही आसपास हड़कंप मच गया। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्रा के स्कूल बैग से पता ढूंढकर परिजनों को खबर दी, तो घर में चीख-पुकार मच गई। माता-पिता का आरोप है कि उनकी बेटी को स्कूल में टीचर ने सबके सामने डांटकर अपमानित किया, जिससे आहत होकर उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। वहीं, स्कूल प्रबंधन ने आरोपों को निराधार बताया है।

बैग में बुके और चॉकलेट निकलने पर टीचर ने डांटा था
परिवार के मुताबिक, संस्कृति को चित्रकारी का बेहद शौक था। इसी कारण उसने सोमवार को अपने बैग में बुके और चॉकलेट रखकर स्कूल ले गई। लेकिन कक्षा में टीचर ने बैग से सामान निकलने पर सबके सामने उसे डांट दिया और यहां तक कि परिजनों को बुलाकर फटकार लगाई। मां साधना जब स्कूल पहुंचीं, तो उन्हें भी अपमानित किया गया। यह अपमान बेटी के दिल में गहरे उतर गया। परिजनों का कहना है कि छुट्टी के बाद बेटी घर नहीं लौटी। वह सीधे रेलवे ट्रैक पर गई और बैग किनारे रखकर गर्दन पटरियों पर रख दी। शाम करीब सवा पांच बजे ट्रेन की चपेट में आकर उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
दो धड़ में शव देख बेसुध हो गई मां
मौके पर पहुंची मां का दिल दहलाने वाला दृश्य सामने आया। स्कूल ड्रेस में खून से लथपथ बेटी का सिर धड़ से अलग पड़ा देख मां अचेत होकर वहीं गिर पड़ीं। पिता मुकुल आनंद सिर पकड़कर वहीं फूट-फूटकर रोने लगे। उनका कहना था – “हम पेट काटकर अपनी बिटिया को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे थे। हमें उम्मीद थी कि वह हमारी जिंदगी रोशन करेगी, लेकिन यह सब क्यों हुआ?”

पुलिस जांच में जुटी, स्कूल प्रबंधन बता रहा आरोपों को निराधार
काकादेव इंस्पेक्टर राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि परिजनों ने अभी तहरीर नहीं दी है। जांच की जा रही है। स्कूल प्रबंधन ने बयान जारी कर आरोपों को खारिज किया है। प्रबंध निदेशक डॉ. पूजा अवस्थी और प्रधानाचार्य राममिलन सिंह ने कहा कि छात्रा अपनी मां के साथ विद्यालय से छुट्टी के बाद निकली थी, इसके बाद की घटनाओं की जानकारी स्कूल को नहीं है। घटना को दुखद बताते हुए उन्होंने संवेदनाएं व्यक्त कीं।