नेशनल इंजीनियर्स डे क्यों सेलिब्रेट किया जाता है? जानिए इसका इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

KNEWS DESK- देश की प्रगति और विकास की रीढ़ अगर कोई है तो वह हैं हमारे इंजीनियर्स। चाहे ऊंची-ऊंची इमारतें हों, विशाल पुल हों या फिर आधुनिक सड़कें हर ढांचे की नींव इंजीनियर्स की मेहनत और कल्पनाशीलता पर टिकी होती है। इन्हीं प्रतिभाशाली मस्तिष्कों को समर्पित है नेशनल इंजीनियर्स डे, जिसे हर साल 15 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन न सिर्फ इंजीनियरिंग के महत्व को रेखांकित करता है बल्कि देश के महान अभियंता और राष्ट्र निर्माता सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir M. Visvesvaraya) की जन्म जयंती के रूप में भी याद किया जाता है।

कौन थे सर एम. विश्वेश्वरैया

सर एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर पुणे के कॉलेज ऑफ साइंसेस से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। अपने करियर के दौरान उन्होंने ऐसे कई प्रोजेक्ट्स पूरे किए जो उस दौर में अभूतपूर्व माने जाते थे।

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में मैसूर के कृष्णराज सागर बांध का निर्माण शामिल है, जिसने पूरे क्षेत्र की सिंचाई और पेयजल व्यवस्था को बदल दिया। 1908 में जब हैदराबाद की मुसी नदी में विनाशकारी बाढ़ आई, तो उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए उस्मान सागर और हिमायत सागर झीलों की योजना और निर्माण कराया। उनके दूरदर्शी विचारों और योजनाओं ने न सिर्फ तकनीकी समाधान दिए बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था और कृषि व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की।

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के चलते भारत सरकार ने साल 1968 में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय अभियंता दिवस घोषित किया। सर एम. विश्वेश्वरैया को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

इंजीनियर्स डे का महत्व

नेशनल इंजीनियर्स डे का उद्देश्य सिर्फ सर एम. विश्वेश्वरैया को याद करना नहीं है, बल्कि देश के सभी इंजीनियरों के योगदान को सम्मान देना है। यह दिन युवाओं को इंजीनियरिंग को पेशा चुनने और तकनीकी नवाचार के जरिए देश को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है। इंजीनियरिंग सिर्फ ढांचे और मशीनों का निर्माण नहीं है, बल्कि यह रचनात्मकता, समस्या-समाधान और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाने की कला है।

नेशनल इंजीनियर्स डे 2025 की थीम

इस साल इंजीनियर्स डे की थीम है – “Engineering Excellence Driving India Forward” यानी “इंजीनियरिंग उत्कृष्टता भारत को आगे बढ़ा रही है”। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि तकनीकी प्रगति, नवाचार और इंजीनियर्स की मेहनत ही भारत को विश्व मंच पर मजबूत और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

नेशनल इंजीनियर्स डे 2025 हमें यह याद दिलाता है कि एक मजबूत राष्ट्र की नींव वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तकनीकी कौशल और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता पर टिकी होती है। सर एम. विश्वेश्वरैया की तरह हर इंजीनियर अपने ज्ञान और नवाचार से भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सक्षम है। इस दिन हम सभी इंजीनियर्स के अथक प्रयासों को सलाम करते हैं और उनके सपनों और योगदान को साकार करने का संकल्प लेते हैं।