लखनऊ एयरपोर्ट पर बड़ा विमान हादसा टला, डिंपल यादव समेत 151 यात्रियों की जान बाल-बाल बची

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार दोपहर एक बड़ा विमान हादसा होते-होते टल गया। दिल्ली जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-XXXX टेकऑफ के दौरान तकनीकी खराबी का शिकार हो गई, लेकिन कैप्टन की सतर्कता और सूझबूझ से 151 यात्रियों की जान सुरक्षित बचा ली गई।

इस फ्लाइट में समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, पूर्व मंत्री पंडित सिंह के भतीजे व सपा नेता सूरज सिंह समेत कई अहम यात्री सवार थे। घटना दोपहर करीब 2:30 बजे की बताई जा रही है।

एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, फ्लाइट निर्धारित समय से कुछ देरी से सुबह 11 बजे टेकऑफ के लिए रनवे पर पहुंची थी। जैसे ही विमान तेज रफ्तार से दौड़ने लगा, यात्रियों ने असामान्य आवाजें सुनीं।

इंजन को अपेक्षित थ्रस्ट नहीं मिल पाया और विमान हवा में उठ नहीं सका। जब विमान रनवे के अंतिम छोर के पास पहुंच चुका था, तभी कैप्टन ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर विमान को रोक लिया। अगर कुछ सेकंड की भी देरी होती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

फ्लाइट में सवार सपा नेता सूरज सिंह ने घटना को याद करते हुए बताया “विमान टेकऑफ की पूरी प्रक्रिया में था, रफ्तार भर ली गई थी। लेकिन अचानक लगा जैसे विमान ऊपर नहीं जा पा रहा। एक अजीब सी झटकेदार आवाज आई और फिर कैप्टन ने फ्लाइट को तेजी से रोक दिया। हम सब सन्न रह गए। लगा अब कुछ नहीं बचा, लेकिन कैप्टन ने बहादुरी से हैंडल किया।”

विमान में मौजूद यात्रियों ने बताया कि क्रू मेंबर्स ने पूरी स्थिति में शांतिपूर्वक और प्रोफेशनल रवैया अपनाया और सभी को सुरक्षित विमान से बाहर निकाला गया।

इंडिगो ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा “हमारी पहली प्राथमिकता हमेशा यात्रियों की सुरक्षा रही है। कैप्टन की त्वरित कार्रवाई से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों या रिफंड की सुविधा दी जा रही है।” इसके साथ ही कंपनी ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है और तकनीकी खराबी के संभावित कारणों की पड़ताल की जा रही है।

लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन ने जानकारी दी कि घटना के तुरंत बाद रनवे को बंद कर जांच की गई और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन हुआ। DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने भी इस मामले की तकनीकी जांच के आदेश दे दिए हैं। शुरुआती तौर पर यह इंजन की थ्रस्ट फेलियर या सेंसर गड़बड़ी का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।