शिव शंकर सविता- नेपाल में हिंसा और प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे और देश छोड़कर भागने के बाद नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। उनके शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प दोहराया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा— “नेपाल की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक बधाई। नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
नेपाल में चुनाव 2026 में
इससे पहले शुक्रवार देर रात नेपाल की संसद भंग कर दी गई और 5 मार्च 2026 को नए चुनाव की तारीख तय की गई। संसद भंग होने के कुछ ही घंटे बाद सुशीला कार्की ने काठमांडू स्थित राष्ट्रपति निवास में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसके साथ ही नेपाल में छह महीने की अंतरिम सरकार का कार्यकाल शुरू हो गया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने जानकारी दी कि नई अंतरिम सरकार को व्यवस्था बहाल करने और आगामी संघीय संसद चुनावों के लिए जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
नेपाल के साथ ये है भारत की भौगोलिक स्थिति
भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी सीमा साझा होती है, जो पांच भारतीय राज्यों (सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) से लगती है। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्ते गहरे हैं। प्रधानमंत्री मोदी मई 2014 से अब तक पांच बार नेपाल की यात्रा कर चुके हैं, जबकि नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने इस अवधि में दस बार भारत का दौरा किया है। भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत दोनों देशों के बीच संबंध लगातार मजबूत होते रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर अंतरिम सरकार का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि यह कदम नेपाल में शांति और स्थिरता को मजबूत करेगा। मंत्रालय ने कहा कि भारत, दोनों देशों और उनके नागरिकों की भलाई और समृद्धि के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करता रहेगा।