डिजिटल डेस्क- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो भारत-मॉरीशस की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस सिर्फ साझेदार नहीं बल्कि एक परिवार हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों की संस्कृति और इतिहास सदियों से जुड़े हुए हैं। वार्ता के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया गया। पीएम ने चागोस समझौते के संपन्न होने पर प्रधानमंत्री रामगुलाम और मॉरीशसवासियों को बधाई दी।
समझौतों और सहयोग के इन प्रमुख बिंदुओं पर रहा फोकस
- शिक्षा और शोध: आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने मॉरीशस यूनिवर्सिटी के साथ शिक्षा और अनुसंधान में सहयोग के समझौते किए।
- ऊर्जा क्षेत्र: मॉरीशस को 100 इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की जाएंगी, जिनमें से 10 पहले ही पहुंच चुकी हैं। साथ ही 17.5 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
- स्वास्थ्य और चिकित्सा: भारत मॉरीशस में 500-बेड वाले आयुष सेंटर ऑफ एक्सलेंस, SSRN अस्पताल और वेटरिनरी स्कूल के निर्माण में सहयोग करेगा। मॉरीशस में भारत का पहला जन औषधि केंद्र भी स्थापित किया गया।
- समुद्री सुरक्षा: मॉरीशस के EEZ की सुरक्षा और समुद्री क्षमता बढ़ाने के लिए सहयोग जारी रहेगा। तटरक्षक जहाज का नवीनीकरण और 120 अधिकारियों का भारत में प्रशिक्षण सुनिश्चित किया गया। हाइड्रोग्राफी में भी साझा सर्वे और डेटा का आदान-प्रदान होगा।
- बुनियादी ढांचा और आर्थिक सहयोग: SSR अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का ATC टावर, हाईवे और रिंग रोड के विस्तार पर काम होगा। स्थानीय मुद्रा में व्यापार बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
भारत-मॉरीशस के संबंध और होंगे मजबूत
मॉरीशस के पीएम नवीन चंद्र रामगुलाम ने भारत के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और समुद्री सुरक्षा में भारत का समर्थन मॉरीशस वासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। इस बैठक से भारत-मॉरीशस के संबंध और मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक साझेदारी को नई दिशा मिलेगी।