डिजिटल डेस्क- समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने रामपुर के चर्चित डुंगरपुर केस में आजम खान और सह-अभियुक्त ठेकेदार बरकत अली की जमानत मंजूर कर ली है। न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने गुरुवार को यह आदेश सुनाया। बता दें कि रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 30 मई 2024 को इस मामले में आजम खान को 10 साल और बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की थी और अपील पर अंतिम सुनवाई तक जमानत देने की मांग की थी। 12 अगस्त को इस पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया।
वर्ष 2016 के मामले में मिली राहत
डुंगरपुर केस की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी, जब सपा शासनकाल में पुलिस लाइन से सटे डुंगरपुर इलाके में आसरा आवास योजना विकसित की गई थी। आरोप है कि उस दौरान पहले से रह रहे लोगों के मकान तोड़े गए और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। शिकायतकर्ता अबरार ने अगस्त 2019 में रामपुर के गंज थाने में पूर्व मंत्री आजम खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
गंभीर धाराओं में दर्ज हुए थे मुकदमे
अबरार ने आरोप लगाया था कि मकान तोड़ने के दौरान उसके साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई। इसके अलावा डुंगरपुर बस्ती के अन्य लोगों ने भी 12 अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए थे, जिनमें लूटपाट, चोरी और मारपीट जैसी धाराएं शामिल थीं। हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद आजम खान और बरकत अली को बड़ी राहत मिली है। हालांकि मामले की अपील पर अंतिम निर्णय आना बाकी है।