डिजिटल डेस्क- पड़ोसी देश नेपाल में बीते दो दिनों से हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। राजधानी काठमांडू से लेकर छोटे कस्बों तक छात्रों और युवाओं का आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। पथराव और आगजनी के बीच हथियारबंद लोग भीड़ में शामिल हो गए, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह टकराव हुआ। नेपाल की इस अस्थिरता का असर अब उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों तक भी दिखाई देने लगा है।
सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट
नेपाल सीमा से लगे यूपी के बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर और महाराजगंज जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण को निर्देश दिया है कि नेपाल बॉर्डर से सटी पूरी सीमा पर 24 घंटे अलर्ट बरता जाए। आदेश मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, गश्त बढ़ा दी गई है और सीमा चौकियों को मजबूत किया गया है। जवानों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) तुरंत सक्रिय हो। सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन के जरिए लगातार निगरानी कर रही हैं।
नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन
नेपाल में जारी उथल-पुथल के बीच बड़ी संख्या में भारतीय व्यापारी, छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक फंस गए हैं। उनकी सुरक्षा और वापसी के लिए यूपी पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में 24×7 सक्रिय कंट्रोल रूम बनाया गया है।
जारी हेल्पलाइन नंबर:
- 0522-2390257
- 0522-2724010
- 9454401674
- WhatsApp: 9454401674
इन नंबरों पर प्रशिक्षित टीम तैनात की गई है, जो तुरंत संबंधित विभागों से संपर्क कर फंसे लोगों की मदद करेगी।
सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी
अफवाहों पर रोक लगाने के लिए यूपी पुलिस की सोशल मीडिया इकाई को विशेष निगरानी का जिम्मा दिया गया है। अधिकारियों को निर्देश है कि नेपाल से जुड़ी किसी भी भ्रामक पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई की जाए। अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
सीएम योगी की सतर्क निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि सीमावर्ती जिलों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि नेपाल में फंसे भारतीयों को हर संभव मदद दी जाए। जरूरत पड़ने पर सीमा पार आवाजाही को अस्थायी तौर पर रोका जा सकता है। कई बॉर्डर इलाकों में पहले से ही चेकिंग सख्त कर दी गई है और संदिग्ध लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल की मौजूदा अस्थिरता लंबे समय तक बनी रह सकती है, क्योंकि सरकार और प्रदर्शनकारियों का टकराव अब खुला संघर्ष बन चुका है। भारत के लिए यह चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों की खुली सीमाएं सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील हो सकती हैं।