विश्वविद्यालयों की जांच पर अखिलेश यादव का सरकार पर वार, बोले- जांच वहीं से शुरू हो जहां के कर्ताधर्ता मुख्यमंत्री हैं

डिजिटल डेस्क- प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में मानकों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा हमला बोला है। अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जांच की शुरुआत वहीं से होनी चाहिए, जहां के कर्ताधर्ता स्वयं मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश यादव ने सोमवार देर शाम एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब मुख्यमंत्री एसआईआर की तर्ज पर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में टीआईआर (थ्रो इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) लाने का आदेश दे रहे हैं तो बेहतर होगा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की कमान भी मुख्यमंत्री को ही सौंप दी जाए।

विवि में लगे सत्ताधीशों के कालेधन की भी हो पड़ताल

उन्होंने मांग की कि उन वाइस चांसलरों की जांच हो जो संगी-साथियों की पर्चियों के लेन-देन से पदों पर बैठे हैं। विवि में वित्तीय अनियमितताओं, परीक्षा घोटालों, शिक्षकों की नियुक्तियों में आरक्षण हनन, ‘नॉट फाउंड सूटेबल (NFS)’ के दुरुपयोग, मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ियों, छात्रवृत्ति योजना में घपलों और बुनियादी सुविधाओं के लिए जारी फंड की हेराफेरी की भी गहन जांच हो। साथ ही, फर्जी डिग्री विवाद और निजी विश्वविद्यालयों में लगे सत्ताधीशों के कालेधन की भी पड़ताल की जाए।

पारदर्शिता का उदाहरण मुख्यमंत्री से ही पेश करे

अखिलेश ने कहा कि अच्छा होगा अगर सरकार जांच की निष्पक्षता, विश्वसनीयता और पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहती है तो शुरुआत मुख्यमंत्री से ही करे। उन्होंने यह भी तंज कसा कि सरकार ध्यान रखे कि मीडिया को यह न लगे कि इस जांच का मकसद विश्वविद्यालयों पर वर्चस्व की अंदरूनी लड़ाई जीतना ‘मुख्य उद्देश्य’ और अधिकारियों को जांच के नाम पर वसूली का मौका देना ‘उप उद्देश्य’ है।