बिहार चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब आधार कार्ड भी चलेगा वोटर लिस्ट सत्यापन में

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का मुद्दा जोर पकड़ चुका है। कई लोगों ने अपने नाम मतदाता सूची से बाहर होने का दावा किया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मतदाताओं को राहत देते हुए आदेश दिया है कि आधार कार्ड को भी 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा SIR प्रक्रिया के लिए जारी 11 दस्तावेजों की सूची में अब आधार कार्ड को भी जोड़ा जा सकता है। हालांकि, अदालत ने साफ किया कि आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं माना जाएगा, लेकिन अन्य दस्तावेजों के अभाव में चुनाव आयोग मतदाता पहचान की पुष्टि के लिए इसे स्वीकार कर सकता है। साथ ही आयोग को इसकी प्रामाणिकता की जांच का अधिकार भी होगा।

चुनाव आयोग की मूल सूची में शामिल दस्तावेज

  1. केंद्र, राज्य सरकार एवं सार्वजनिक उपक्रमों के पहचान पत्र, पेंशन आदेश
  2. 1 जुलाई 1987 से पहले सरकारी, स्थानीय प्राधिकार, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी एवं पब्लिक सेक्टर उपक्रमों से जारी आईडी
  3. सक्षम प्राधिकार से जारी जन्म प्रमाणपत्र
  4. पासपोर्ट
  5. मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से निर्गत शैक्षणिक प्रमाणपत्र
  6. स्थायी आवासीय प्रमाणपत्र
  7. वन अधिकार प्रमाणपत्र
  8. सक्षम प्राधिकार द्वारा जारी ओबीसी/एससी/एसटी जाति प्रमाणपत्र
  9. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां उपलब्ध हो)
  10. राज्य/स्थानीय प्राधिकार द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर
  11. सरकार की भूमि/मकान आवंटन प्रमाणपत्र

नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा आधार

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को दोहराते हुए कहा कि आधार अधिनियम के तहत आधार कार्ड नागरिकता का सबूत नहीं है। मगर, जिन मतदाताओं के पास चुनाव आयोग की सूची में बताए गए 11 दस्तावेजों में से कोई उपलब्ध नहीं है, वे आधार कार्ड दिखाकर प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।