KNEWS DESK- नेपाल सरकार ने हाल ही में फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया है। सरकार का कहना है कि जब तक ये कंपनियां नेपाल में आधिकारिक तौर पर रजिस्ट्रेशन नहीं करातीं, तब तक इन पर रोक जारी रहेगी। हालांकि, इस फैसले ने नेपाल के युवाओं में नाराज़गी बढ़ा दी है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में Gen-Z युवाओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया।

लेकिन इस बैन का असर केवल नेपाल तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत में पढ़ रहे नेपाली छात्र भी इससे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
भारत में सबसे ज्यादा विदेशी छात्र नेपाल से
भारत लंबे समय से नेपाली छात्रों की पहली पसंद रहा है। शिक्षा मंत्रालय की ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (2022) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पढ़ रहे विदेशी छात्रों में 28% छात्र नेपाल से हैं। कुल 47 हजार विदेशी छात्रों में से 13 हजार से ज्यादा छात्र नेपाली हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे छात्र भी हैं, जिनके परिवार भारत में बसे हुए हैं, इसलिए उनकी गिनती आधिकारिक आंकड़ों में नहीं होती।
बैन से क्यों बढ़ी परेशानी?
भारत में पढ़ रहे नेपाली छात्रों का कहना है कि वे फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए ही अपने परिवार और संस्कृति से जुड़े रहते हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र राजेश ओझा कहते हैं,”मैं तीन साल से दिल्ली में हूं और इन सालों में सोशल मीडिया के जरिए ही अपने परिवार और देश से जुड़ा रहा हूं। मुफ्त वीडियो कॉल की सुविधा और लगातार देश की सांस्कृतिक व राजनीतिक घटनाओं से जुड़े रहना मेरे लिए आसान रहा। अब यह कनेक्शन टूट रहा है।”
वहीं, उनके साथी सुमित बताते हैं कि नेपाल सरकार ने जिन नए प्लेटफॉर्म को मंजूरी दी है, वे भारत समेत कई देशों में उपलब्ध ही नहीं हैं। ऐसे में छात्रों के लिए विकल्प बेहद सीमित हो गए हैं।
युवाओं में बढ़ रही नाराज़गी
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल सरकार का यह कदम डिजिटल कनेक्टिविटी पर सीधा असर डालता है। खासकर युवा वर्ग, जो सोशल मीडिया के जरिए ही शिक्षा, रोजगार और नेटवर्किंग के अवसर खोजते हैं, वह इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। यही वजह है कि बैन के खिलाफ काठमांडू और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन लगातार तेज़ हो रहा है।
कुल मिलाकर, नेपाल सरकार का यह फैसला न केवल देश के भीतर बल्कि भारत में पढ़ रहे हजारों नेपाली छात्रों की रोज़मर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित कर रहा है।