KNEWS DESK – जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि यह कदम सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में बढ़ते विभाजन को रोकने के लिए उठाया गया है। इशिबा का इस्तीफा प्रधानमंत्री बनने के महज एक साल के भीतर होने जा रहा है।
चुनावी हार बनी वजह
पिछले जुलाई में हुए संसदीय चुनावों में LDP को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ऊपरी सदन की 248 सीटों में बहुमत हासिल करने में नाकाम रही। इसके बाद से ही इशिबा पर पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ रहा था।
LDP सोमवार को नया नेता चुनने के लिए चुनाव कराने वाली थी। इशिबा के इस्तीफे की खबरें इसी से एक दिन पहले सामने आईं। अगर पार्टी उनका इस्तीफा मंजूर कर लेती है, तो इसे उनके खिलाफ अप्रत्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव माना जाएगा।
सत्ता में अनिश्चितता
इशिबा के पद छोड़ने के बाद जापान राजनीतिक अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर सकता है। LDP को पहले नया नेता चुनना होगा, और उसके बाद संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन जुटाना होगा। हालांकि गठबंधन का बहुमत टूट चुका है, लेकिन निचले सदन में अब भी LDP सबसे बड़ी पार्टी है। इससे उसके उम्मीदवार को मौका तो मिलेगा, मगर जीत की गारंटी नहीं है।
संभावित दावेदार
LDP के अगले नेता की रेस में कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें पूर्व आंतरिक मंत्री साने ताकाइची, कृषि मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी और पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री ताकायुकी कोबायाशी प्रमुख दावेदार हैं। इसके अलावा वर्तमान कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी और वित्त मंत्री कात्सुनोबु काटो के नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।
शिगेरू इशिबा ने अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री पद संभाला था। उस समय भी LDP बहुमत से दूर थी और 1955 में पार्टी की स्थापना के बाद पहली बार गठबंधन सरकार बनाने को मजबूर हुई थी। अब नए नेता की सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वे न सिर्फ पार्टी को एकजुट रखें, बल्कि गठबंधन के समर्थन को भी वापस हासिल करें।