KNEWS DESK- राम मंदिर से जुड़ा एक और ऐतिहासिक पल 5 सितंबर 2025 को दर्ज हो गया, जब भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग टोबगे ने अपनी धर्मपत्नी के साथ रामलला के दर्शन किए। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद राम मंदिर में दर्शन करने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बन गए। यह दौरा भारत-भूटान के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों की गहराई को और मजबूत करता है।
भूटानी प्रधानमंत्री शुक्रवार सुबह 9:30 बजे भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से बिहार के गया से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे।प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विदेश मंत्रालय, स्थानीय प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका औपचारिक स्वागत किया। यहां से वे सड़क मार्ग से राम मंदिर परिसर के लिए रवाना हुए। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाईवे पर थोड़े समय के लिए यातायात रोका गया।
सुबह 10:00 बजे भूटान के प्रधानमंत्री राम मंदिर परिसर पहुंचे और उन्होंने करीब एक घंटे 40 मिनट तक मंदिर में दर्शन और भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने रामलला और राम दरबार के दर्शन किए, कुबेर टीला, जटायु मंदिर, सप्त मंडपम में पूजा-अर्चना की, लोअर प्लिंथ के म्यूरल और परकोटे की ब्रांज म्यूरल नक्काशी को देखा।
उन्होंने तीन बार साष्टांग प्रणाम कर रामलला का आशीर्वाद लिया, आरती उतारी, पुष्प अर्पित किए और चरणामृत प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर की नक्काशी और वास्तुशिल्प से वे बेहद प्रभावित दिखे और अपने मोबाइल कैमरे से कई तस्वीरें भी कैद कीं।
राम मंदिर भ्रमण के बाद भूटानी पीएम होटल रामायणा पहुंचे, जहां भूटान की पारंपरिक शैली में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनका उत्साहपूर्ण स्वागत किया गया।
इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित दोपहर भोज में वे शामिल हुए, जो अयोध्या के जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया था।
दोपहर भोज के बाद भूटानी प्रधानमंत्री अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इस ऐतिहासिक यात्रा से भारत और भूटान के बीच न केवल राजनयिक रिश्तों को बल मिला, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी नई ऊंचाई मिली है। राम मंदिर जैसे धार्मिक स्थल पर एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की उपस्थिति भारत की सांस्कृतिक विरासत की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक बनकर उभरी है।