उत्तराखंड में वृद्धों और दिव्यांगों के लिए बड़ी घोषणाएं, हर जिले में खुलेगा वृद्धाश्रम, दिव्यांगों की शादी पर मिलेगा दोगुना अनुदान

KNEWS DESK- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में सीएम ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में वृद्धाश्रम खोले जाएंगे, ताकि बुजुर्गों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दिव्यांगजनों से विवाह करने पर मिलने वाली अनुदान राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया जाएगा। साथ ही, कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की आयु सीमा को समाप्त कर दिया गया है।

सीएम धामी ने कहा कि सरकार द्वारा माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। इसके अंतर्गत बुजुर्ग अब अपने बच्चों या उत्तराधिकारियों से कानूनी रूप से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि,

“आपका यह बेटा आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने देगा।”

वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राज्य सरकार द्वारा संचालित वृद्धाश्रम मौजूद हैं। वहीं, देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवनों का निर्माण कार्य जारी है। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं।

राज्य में 96,000 से अधिक दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है। 18 वर्ष से अधिक आयु वाले 86,000 से ज्यादा दिव्यांगों को 1500 रुपये प्रतिमाह। 18 वर्ष से कम आयु के 8,000 से अधिक दिव्यांगों को 700 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए ग्रामीणों को तीलू रौतेली पेंशन योजना के तहत 1200 रुपये प्रतिमाह। चार फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को भी 1200 रुपये बौना पेंशन प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का शुभारंभ हाल ही में किया गया है। यह केंद्र दिव्यांगों को पुनर्वास, परामर्श और सहायता उपकरणों जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में हर जिले में दिव्याशा केंद्र खोले जाएं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग शादी अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया। साथ ही, समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली पेंशन की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया गया। उन्होंने कहा कि “नीतियां और योजनाएं तब ही प्रभावी होती हैं जब वे ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ जमीनी स्तर तक पहुंचें। सरकार का प्रयास है कि कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे।”