KNEWS DESK- आज के समय में कई माता-पिता अपने 1 से 2.5 साल के बच्चों को मोबाइल या टीवी के सामने बैठा देते हैं। लेकिन यह आदत बच्चों के दिमागी विकास में रुकावट डाल सकती है। दरअसल, यही वह उम्र होती है जब बच्चा चीजों को समझना और दोहराना शुरू करता है। अगर इस उम्र से ही सही तरीके से बच्चों को पढ़ाई से जुड़ी चीजें सिखाई जाएं, तो उनका मानसिक विकास तेज़ी से होता है। तो आइए जानते हैं, एक्सपर्ट की सलाह – इतने छोटे बच्चों को क्या-क्या सिखाना चाहिए।

1. एक्शन वर्ड सिखाएं
बच्चे को रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाले एक्शन वर्ड सिखाएं।
- जैसे – चलो, बैठो, खाओ, सो जाओ।
- बच्चे को सिखाने के लिए खुद करके दिखाएं और उनसे भी करवाएं।
- हर बार शब्द को दोहराना न भूलें।
2. शरीर के अंग पहचानना
बच्चे को बॉडी पार्ट्स पहचानना सिखाएं।
- जैसे – नाक, कान, आंख, पैर।
- शीशे में दिखाकर उनसे पूछें “ये क्या है?” और नाम दोहराएं।
- इससे बच्चा अपने शरीर के अंग आसानी से सीख लेगा।
3. फल और सब्जियों के नाम
बच्चे को रंग-बिरंगे फल और सब्जियां दिखाकर नाम सिखाएं।
- फल – सेब, केला, आम, अंगूर।
- सब्जियां – टमाटर, आलू, गाजर।
- असली फल/सब्जी दिखाते समय या खिलाते हुए नाम बोलें, ताकि बच्चे को याद रहे।
4. रंग और आकार
बच्चे को आकार और रंग पहचानना सिखाएं।
- रंग – लाल, नीला, पीला।
- आकार – गोला, तारा, चौकोर।
- इसके लिए खिलौनों, किताबों और रंग-बिरंगी चीजों का इस्तेमाल करें।
5. परिवार के सदस्य
बच्चे को परिवार के सदस्यों को नाम से पहचानना सिखाएं।
- जैसे – मां, पापा, दादी, नानी, नाना, दादा।
- परिवार की तस्वीरें दिखाकर या सामने मौजूद होने पर नाम दोहराएं।

याद रखें, बच्चे को इस उम्र में खेल-खेल में सिखाना ही सबसे बेहतर तरीका है। जितना मजेदार सीखने का तरीका होगा, बच्चा उतनी जल्दी और अच्छे से सीख पाएगा।