डिजिटल डेस्क- मोटर व्हीकल टैक्स पर डाली गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहनों पर लगने वाले टैक्स को उनके उपयोग के आधार पर छूट देने और टैक्स देने के नियमों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि कोई वाहन सार्वजनिक जगहों का उपयोग नहीं करता है तो उसे टैक्स के दायरे से दूर रखा जाए। साथ ही जो वाहन सड़कों और हाईवे जैसे सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इसके लिए भुगतान करना होगा।
धारा 3 में वर्णित नियमों का दिया हवाला
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट की व्याख्या करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा, इस अधिनियम की धारा 3 कहती है कि सरकार समय-समय पर यह निर्देश दे सकती है कि राज्य में सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल होने वाले या रखे जाने वाले हर मोटर वाहन पर टैक्स लगाया जाएगा।
वाहन के इस्तेमाल के तरीके पर ही वसूला जाए टैक्स
बेंच ने आगे कहा कि धारा 3 के तहत टैक्स तभी लगेगा जब कोई वाहन राज्य में सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल हो या इस्तेमाल के लिए रखा जाए। इसलिए, टैक्स वाहन के इस्तेमाल या सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल करने के इरादे पर है। यदि कोई वाहन वास्तव में सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल होता है या इस तरह से रखा जाता है कि उसका सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल करने का इरादा है, तो टैक्स देना होगा।
क्या कहा बेंच ने ?
बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मोटर व्हीकल टैक्स मुआवज़े की प्रकृति का होता है। इसका सीधा संबंध सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे सड़क और हाईवे के इस्तेमाल से है। जो वाहन सार्वजनिक सड़कों पर नहीं चलते और केवल बंद परिसरों में उपयोग होते हैं, उनसे टैक्स वसूली का सवाल ही नहीं उठता।