अमेरिका के 50% टैरिफ से कानपुर इंडस्ट्री में गहराया संकट, फैक्ट्रियों में उत्पादन घटा, 10 लाख लोगों के रोजगार पर मंडराया खतरा

डिजिटल डेस्क- अमेरिका द्वारा भारतीय लेदर प्रोडक्ट्स पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का सीधा असर अब कानपुर और उन्नाव की लेदर इंडस्ट्री पर दिखाई देने लगा है। यहां से हर साल करीब 2000 करोड़ रुपये के पर्स, बेल्ट, जूते-चप्पल, सैडलरी और स्पोर्ट्स आइटम अमेरिका को निर्यात किए जाते थे, लेकिन टैरिफ के बाद अमेरिकी खरीदारों ने भारतीय लेदर प्रोडक्ट्स की खरीद पूरी तरह रोक दी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि कानपुर और उन्नाव के सैकड़ों छोटे-बड़े कारखानों में उत्पादन लगभग आधा रह गया है। कई फैक्ट्रियों में तो मजदूरों की छंटनी शुरू हो गई है और काम करने वालों को भी कम मजदूरी मिल रही है।

प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं 10 लाख लोग

करीब 10 लाख लोग इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, जिन पर रोज़गार संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मजदूरों में रोजी-रोटी का यह डर साफ दिखाई दे रहा है कि धीरे-धीरे उनकी मजदूरी कम होगी और अंततः रोजगार भी हाथ से निकल सकता है। कारोबारियों का कहना है कि उन्होंने अमेरिका को निर्यात के लिए पहले से तैयार किए गए उत्पाद भी स्टॉक कर रखे हैं, लेकिन अब उनके लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा। सबसे बड़ी समस्या यह है कि अमेरिका पर ही सबसे ज्यादा निर्भरता रही है। ऐसे में कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा अचानक ठप हो गया है।

अन्य जगह संभावना तलाशने की कोशिशें लगातार जारी

एक्सपोर्टर्स और उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत सरकार के सहयोग से यूरोप, अफ्रीका और मध्य-पूर्व जैसे बाजारों में संभावनाएं तलाशने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन यह प्रक्रिया लंबी है और इसमें समय लगेगा। तब तक कानपुर और उन्नाव की लेदर इंडस्ट्री को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।