KNEWS DESK- एक समय था जब कानपुर को ‘मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट’ कहा जाता था। इसकी पहचान थी यहां की विशाल कपड़ा मिलें, जिनमें हजारों लोग काम करते थे और जिनसे बना माल देश-विदेश तक जाता था। लेकिन अब ये मिलें करीब दो दशकों से बंद पड़ी हैं, और इनकी जगह जर्जर इमारतें और सुनसान परिसर रह गए हैं। अब सवाल उठता है — क्या ये मिलें दोबारा चलेंगी, या इनकी जमीनों का कोई नया उपयोग होगा?
कानपुर में कुल 11 मिलें हैं, जो लगभग 20 वर्षों से बंद हैं। 5 मिलें राष्ट्रीय वस्त्र निगम लिमिटेड (NTC) के अधीन हैं – म्योर मिल, न्यू विक्टोरिया मिल, स्वदेशी कॉटन मिल, अथर्टन मिल और लक्ष्मी रतन कॉटन मिल। 5 मिलें ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (BIC) के अधीन हैं – लाल इमली, कानपुर टेक्सटाइल, एल्गिन नं. 1, एल्गिन नं. 2 और ब्रश वेयर मिल। एक मिल टैफ्को (Tafco) है, जहां कभी सैनिकों के लिए जूते बनाए जाते थे। इन सभी मिल परिसरों की कुल जमीन 252 एकड़ (10 लाख वर्ग मीटर से अधिक) है और ये सभी कानपुर शहर के बीचों-बीच स्थित हैं। आज इस जमीन की कीमत खरबों रुपये में आंकी जा रही है।
जानकारों का मानना है कि इन मिलों को दोबारा शुरू करना न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि पर्यावरण और तकनीकी कारणों से लगभग असंभव भी हो गया है। ये मिलें पुराने ढांचे पर आधारित हैं और अब उत्पादन के लिए आधुनिक, कम जगह और ऑटोमेटिक सिस्टम की आवश्यकता है। शहर के बीचों-बीच इन मिलों का दोबारा संचालन प्रदूषण और ट्रैफिक का बड़ा कारण बन सकता है।
कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी ने बताया कि इन मिलों की जमीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बातचीत हो चुकी है। “हमारा प्रयास है कि लाल इमली को छोड़कर बाकी जमीन पर आवासीय, आईटी हब या अन्य व्यावसायिक परियोजनाएं शुरू की जाएं, जिससे प्रदूषण भी न हो और युवाओं को रोजगार भी मिले।” – रमेश अवस्थी, सांसद
लाल इमली यूनियन के नेता अजय सिंह का कहना है कि सरकार चाहे तो मिलों को फिर से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक ईटीपी प्लांट (Effluent Treatment Plant) लगाकर पर्यावरणीय चिंताओं को हल किया जा सकता है। मिलों में सैनिकों और अस्पतालों के लिए उत्पाद बनाए जा सकते हैं।
अधिवक्ता विजय बक्शी का मानना है कि अब इन जमीनों पर ऐसे व्यावसायिक प्रयोग होने चाहिए जो रोजगार सृजन करें।
युवा अधिवक्ता मयूरी की राय है कि मिलों को फिर से शुरू करने की कोशिश जारी रहनी चाहिए।