महाराष्ट्र्: राज्य गृह मंत्री दिलीप वालसे ने आज लॉकडाउन के दौरान लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किए सभी केसों को खारिज करने का ऐलान किया है. गृह मंत्री दिलीप वालसे ने बताया, ”राज्य के गृह विभाग ने लॉकडाउन के आदेश के उल्लंघन के लिए छात्रों, नागरिकों के खिलाफ तालाबंदी के दौरान आईपीसी 188 के तहत दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया है. कैबिनेट से फैसले को मंजूरी मिलते ही मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.”
कई लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत मामले दर्ज
कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए साल 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. जिसे बाद में धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से खोला गया था. लेकिन अचानक से लॉकडाउन हो जाने के कारण काम-धंधे सब अचानक से बंद हो गए और भारी संख्या में मजदूर वर्ग ने पलायन शुरू कर दिया. जिसकी वजह से राज्य में कई लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत मामले दर्ज किए गए थे. इसी कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर लॉकडाउन में सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है आईपीसी 188
1897 के महामारी कानून के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है, सरकार/ कानून के निर्देशों/ नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है.