KNEWS DESK – अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और उससे जुड़े आर्थिक टकराव के बीच भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में अमेरिका के आरोपों और दबाव की रणनीति पर कड़ा जवाब दिया।
जयशंकर ने कहा, “यह हास्यास्पद है कि जो लोग खुद को व्यापार समर्थक बताते हैं, वे दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगाते हैं। अगर आपको भारत से तेल या अन्य उत्पाद खरीदने में समस्या है तो मत खरीदिए। कोई किसी को खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता। यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है, अगर आपको पसंद नहीं है तो विकल्प आपके पास है।”
किसानों और छोटे उत्पादकों पर अडिग भारत
विदेश मंत्री ने दोहराया कि भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा को लेकर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी है, लेकिन भारत की सीमाएं साफ हैं। “हमारी प्राथमिकता अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हित हैं। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर सरकार कभी समझौता कर सकती है।”
ट्रंप की विदेश नीति पर टिप्पणी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि ऐसा कोई राष्ट्रपति नहीं रहा जिसने विदेश नीति को इतनी खुलकर सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो। उन्होंने कहा कि ट्रंप का दुनिया और अपने ही देश के साथ व्यवहार पारंपरिक तरीकों से बिल्कुल अलग है। जयशंकर ने सवाल उठाया कि जब टैरिफ लगाने की बात आती है तो चीन पर सख्ती क्यों नहीं दिखाई जाती?
भारत-पाक मुद्दे पर स्पष्ट रुख
भारत-पाक संबंधों पर भी विदेश मंत्री ने अमेरिका की भूमिका को खारिज किया। उन्होंने कहा, “50 से अधिक वर्षों से भारत में राष्ट्रीय सहमति रही है कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी। चाहे व्यापार हो, किसानों के हित हों या मध्यस्थता का मुद्दा, हमारी सरकार का रुख साफ है। हम अपने किसानों के हितों को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”
जयशंकर के इन बयानों से साफ है कि भारत वैश्विक दबाव के बावजूद अपनी स्वतंत्र विदेश और व्यापार नीति पर कायम है और किसी भी देश को किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता करने की इजाजत नहीं देगा।