रिपोर्ट- शानू कुमार बरेली
उत्तरप्रदेश- बरेली में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की चरम सीमा का मामला सामने आया है, जहां निजी ए वन हॉस्पिटल पर बरेली का स्वास्थ्य महकमा इस कदर मेहरबान है कि लगभग 28 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपों में घिरे ए वन हॉस्पिटल पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई, वहीं पीड़ित लगातार विभाग के चक्कर काटते हुए परेशान है लेकिन सिर्फ मिले है आश्वासन।
दरअसल, बरेली में भोजीपुरा के रहने वाले ताहिर खान अपनी पत्नी का डिलीवरी कराने के लिए ए वन हॉस्पिटल ले गए, ताहिर का आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को भर्ती कराया उस दौरान वहां के डॉक्टर्स ने ऑपरेशन बताया और और ऑपरेशन में लापरवाही के चलते उन्हें बच्चे की मृत्यु हो गई वहीं लापरवाही की सीमा यहीं खत्म नहीं आरोप यह भी है कि ऑपरेशन होने के बाद डॉक्टर्स ने सफाई वाला कपड़ा पीड़ित की पत्नी के पेट में ही छोड़ दिया और कुछ दिन भर्ती रखने के बाद छुट्टी कर दी, जिसके कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी को दोबारा समस्या हुई तो पीड़ित दोबारा अपनी पत्नी को उक्त हॉस्पिटल में ले गया और वहां इलाज के लिए बोला तो उसको दो जांचे कराने के लिए बोला गया जिसमें पाया गया कि पेट में कपड़ा रह गया है जिसके बाद पीड़ित ने अपनी बात रखी तो वहां के प्रबंधन ने पीड़ित के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और भगा दिया। जिसके बाद पीड़ित ताहिर ने दूसरे हॉस्पिटल में पत्नी का इलाज करवाया, लेकिन दूसरी जगह जब इलाज कराया तो इन्फेक्शन काफी फैल चुका था जिसके बाद उसकी बच्चेदानी भी निकालनी पड़ गई।
वहीं इस पूरे मामले में पीड़ित ताहिर ने अपनी शिकायत थाने में दर्ज कराई जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग यानि सीएमओ ऑफिस में भी शिकायत दर्ज कराई और शिकायत दर्ज कराने के बाद न्याय की गुहार लगाते हुए हॉस्पिटल पर कार्रवाई की मांग की, और इस पूरे मामले की जांच डिप्टी सीएमओ डॉ लईक अहमद को दे दी गई, वहीं इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएमओ अब तक लगातार पल्ला झाड़ते हुए नजर आए हैं और जिसके बाद पुलिस विभाग में इस पूरे मामले में एफआईआर 23 जुलाई को ही दर्ज कर ली गई लेकिन अब तक लगभग 28 दिन बीत जाने के बाद अभी तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़ित बीते मंगलवार को पूरे दिन सीएमओ कार्यालय में भटकता रहा लेकिन उसकी फरियाद सुनने वाला कोई न हुआ और उसका अंतिम में सिर्फ आश्वासन देकर एक बार फिर लौटा दिया गया।
डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक की भूमिका पर सवाल
इस पूरे मामले में डॉक्टर लईक अहमद की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है जहां एक तरफ पुलिस प्रशासन ठोस सबूतों पर एफआईआर दर्ज कर चुका है लेकिन स्वास्थ्य महकमा कार्रवाई के नाम पर अभी तक शून्य साबित रहा है, डॉक्टर लईक से जब इस पूरे मामले में बात की तो उन्होंने बिना कैमरे के कहा कि इसमें पीड़ित ने शायद हॉस्टल प्रबंधन से कुछ धनराशि ले ली है और यह अब भी कार्रवाई चाह रहा है मैं दोनों पक्षों को बुलाऊंगा तब देखूंगा। यानी कि इस बात से साफ जाहिर होता है कि डिप्टी सीएमओ डॉ लईक अब कागजों की कार्रवाई से बचकर पंचायती रूप से बैठकर समझौता करवाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं इसमें फिर चाहे न्याय किसी को मिले या न मिले। फिलहाल देखना होगा इस पूरे मामले पर अगला स्टेप डॉ लईक का क्या होता है।