उत्तर भारत में तबाही, गंगा-यमुना उफान पर, दिल्ली, उत्तराखंड और मथुरा में हाई अलर्ट

KNEWS DESK- उत्तर भारत में मानसून की बारिश ने विकराल रूप धारण कर लिया है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाके बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 293.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो चेतावनी स्तर से 10 सेंटीमीटर ऊपर है। सिंचाई विभाग के एसडीओ भारत भूषण शर्मा के अनुसार, लगातार बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसका असर निचले मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा। हरिद्वार और ऋषिकेश के सभी घाटों पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है। कई बाजारों और रिहायशी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है।

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर अब मथुरा और वृंदावन तक पहुंच चुका है। यमुना नदी के घाट पानी में डूब चुके हैं, और देवरा बाबा घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है। कुंभ क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात, प्रशासन ने निचले इलाकों में बसे लोगों को सतर्क रहने और स्थानांतरण की चेतावनी जारी की है। , घाटों की सीढ़ियां भी पानी में डूब गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। दिल्ली सरकार ने हालात को देखते हुए राहत-बचाव कार्यों की तैयारियां तेज कर दी हैं।

यमुना में 30 नावों को तैनात किया गया है। बोट क्लब और पुराने रेलवे ब्रिज जैसे संवेदनशील इलाकों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से 1.78 लाख क्यूसेक पानी, और वजीराबाद से हर घंटे 36,170 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर आने वाले 48 से 50 घंटों में और बढ़ सकता है, जिससे 2023 जैसी आपदा की पुनरावृत्ति का खतरा बना हुआ है।

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों—देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़—के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 19 से 21 अगस्त तक राज्य के अधिकतर हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना। पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन और मलबा बहाव का खतरा। SDRF और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क।