KNEWS DESK- भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। इस अहम पद को भरने के लिए चुनाव की तारीख 9 सितंबर तय की गई है। इसी के मद्देनज़र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) जल्द ही अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय बोर्ड की अहम बैठक 17 अगस्त को होने की संभावना है। इसी बैठक में उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के नाम को अंतिम मंजूरी दी जाएगी। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को यह अधिकार दिया है कि वे उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के साझा उम्मीदवार का चयन करें।
निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। संभावना है कि नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। नामांकन के समय एनडीए सांसदों द्वारा कई सेट में प्रस्ताव और समर्थन पत्र दाखिल किए जाएंगे, जिससे उम्मीदवार को व्यापक समर्थन का संकेत मिलेगा।
दिलचस्प संयोग यह है कि संसद का मानसून सत्र 18 अगस्त से दोबारा शुरू हो रहा है। इसी दिन या उसके आसपास एनडीए के सभी सांसदों और गठबंधन सहयोगियों की एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो सकती है, जिसमें उपराष्ट्रपति चुनाव के संबंध में रणनीति पर चर्चा की जाएगी। सांसदों को नामांकन प्रक्रिया और मतदान के लिए दिशा-निर्देश भी दिए जा सकते हैं।
यदि विपक्ष उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारता है, तो 9 सितंबर को चुनाव कराया जाएगा। लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि विपक्ष एकमत होकर कोई साझा उम्मीदवार पेश करेगा या नहीं। 2022 में हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में विपक्ष बिखरा नजर आया था, और उस स्थिति में एनडीए के उम्मीदवार की जीत आसान हो गई थी।
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित तथा मनोनीत सांसदों द्वारा किया जाता है। इस बार एनडीए को दोनों सदनों में मजबूत समर्थन प्राप्त है, खासकर लोकसभा में भाजपा का भारी बहुमत और राज्यसभा में बढ़ती संख्या को देखते हुए, एनडीए के उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है। ऐसे में नामांकन की प्रक्रिया औपचारिकता भर लग रही है, जबकि असली दिलचस्पी इस बात में है कि उम्मीदवार कौन होगा?
हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई संभावित नामों की चर्चा है। कुछ सूत्रों का मानना है कि भाजपा किसी अनुभवी नेता, संगठन के पुराने चेहरे या दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति को इस पद पर ला सकती है, जिससे पार्टी की क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरणों की रणनीति को मजबूती मिल सके।