Independence Day 2025: दुश्मन को पता भी नहीं चला कौन से हथियार थे, लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन

KNEWS DESK- 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता और उसकी ताकत पर जोर दिया। उन्होंने न सिर्फ भारत की सैन्य क्षमताओं की प्रशंसा की, बल्कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए स्पष्ट किया कि अब भारत अपनी शर्तों पर फैसले करेगा — फिर चाहे बात रक्षा क्षेत्र की हो या जल संसाधनों की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को गरीबी, कमजोरी और आत्मविश्वास की कमी में ढकेल दिया था, लेकिन अब समय बदल चुका है। उन्होंने आत्मनिर्भरता को आजादी के बाद का सबसे बड़ा संकल्प बताते हुए कहा, “हमारे सामर्थ्य को बचाने, बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।”

उन्होंने ज़ोर दिया कि जब तक भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं बनेगा, तब तक उसकी प्रगति अधूरी मानी जाएगी।

प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति अब जमीन पर दिख रही है। उन्होंने कहा, “इस ऑपरेशन में दुश्मन को यह तक समझ नहीं आया कि कौन से हथियार हमारे पास हैं। मेड इन इंडिया हथियारों ने ऐसी रणनीतिक बढ़त दी कि सेना ने बिना रुकावट, बिना हिचकिचाहट के अपना पराक्रम दिखाया।”

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को लक्ष्य बनाकर काम किया है और आज उसका परिणाम सामने है।

अपने भाषण में पीएम मोदी ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए सिंधु जल संधि को एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने दो टूक कहा, “भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।”