KNEWS DESK – स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के सशक्त जवाब, ऑपरेशन सिंदूर, की सराहना करते हुए इसे “मानवता की लड़ाई में ऐतिहासिक मिसाल” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल स्वाधीन भारत के रक्षा इतिहास में एक नए अध्याय का सूत्रपात है, बल्कि दुनिया के सामने भारत की स्पष्ट नीति भी रखता है—भारत कभी आक्रमणकारी नहीं बनेगा, लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कठोरतम कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।
राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि इस वर्ष देश को आतंकवाद का दर्द झेलना पड़ा। कश्मीर में घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या को उन्होंने “कायरतापूर्ण और अमानवीय” बताया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का सवाल होता है, हमारे सशस्त्र बल रणनीतिक स्पष्टता, तकनीकी दक्षता और अदम्य साहस के साथ किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।”
आत्मनिर्भर भारत की ओर तेज़ कदम
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश तेजी से प्रगति कर रहा है, सुशासन के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और जो लोग अभी आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं, उनके लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि आय और क्षेत्रीय असमानता में कमी आ रही है, राज्यों के बीच विकास की रफ्तार में संतुलन बन रहा है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। निर्यात में वृद्धि और राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे तथा कश्मीर में रेल संपर्क जैसे बुनियादी ढांचे के बड़े प्रोजेक्ट भारत की विकास यात्रा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
2047 तक विकसित भारत का संकल्प
राष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। एआई (Artificial Intelligence) को 2047 तक भारत की पहचान बनाने की दिशा में काम जारी है। उन्होंने युवाओं, महिलाओं और लंबे समय तक हाशिये पर रहे वर्गों को देश की प्रगति के मुख्य स्तंभ बताया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आए बदलाव, बढ़ते रोजगार के अवसर और खेलों में उभरती नई प्रतिभाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि भारत वैश्विक खेल शक्ति के रूप में भी उभरेगा।
नागरिक सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव
राष्ट्रपति ने शहरी विकास, मेट्रो सेवाओं के विस्तार और आयुष्मान भारत योजना को जीवन की बुनियादी सुविधाओं में क्रांतिकारी सुधार के उदाहरण के रूप में पेश किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने 70 वर्ष और उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को भी इस योजना का लाभ दिया है।