यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन, शिक्षा मंत्री बोले- शुरू किए 3.5 हजार प्ले स्कूल

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार को विपक्ष के जबरदस्त विरोध और हंगामे के साथ शुरू हुआ। समाजवादी पार्टी (सपा) विधायकों ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, प्राथमिक स्कूलों के मर्जर, खाद संकट, मुनाफाखोरी, वोट चोरी और बाढ़ जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर विधानभवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन किया। सपा विधायक लाल टोपी और हाथों में बैनर-पोस्टर लिए हुए सत्र के पहले दिन आक्रामक मुद्रा में नजर आए।

पहले दिन विपक्ष के वॉकआउट और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही केवल प्रश्नकाल और शोक संदेशों तक सीमित रही। हालांकि, आज सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष की आक्रामकता के कारण हंगामेदार सत्र की पूरी आशंका जताई जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर जिले में एक मकबरे को लेकर हुए धार्मिक विवाद पर सदन में चर्चा की मांग की, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विचार करने का आश्वासन दिया। वहीं विपक्ष के एक अन्य विधायक ने मनरेगा मजदूरी बढ़ाने की मांग उठाई। इसके जवाब में सत्ता पक्ष ने स्पष्ट किया कि मनरेगा मजदूरी बढ़ाने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है, और इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

सत्र के दौरान शिक्षा की गुणवत्ता और प्राथमिक विद्यालयों में हो रहे मर्जर को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला। सपा विधायकों ने आरोप लगाया कि यदि शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होती तो स्कूलों को मर्ज नहीं करना पड़ता, और इससे सबसे अधिक नुकसान दलित व पिछड़े वर्ग के बच्चों को उठाना पड़ रहा है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 3,38,590 शिक्षक, 3.5 लाख शिक्षामित्र और 25,223 अनुदेशक कार्यरत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल मर्जर के बाद 50 बच्चों पर तीन शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें एक प्रधानाचार्य, एक सहायक शिक्षक और एक शिक्षामित्र शामिल होंगे।

मंत्री ने बताया कि 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नामांकन कक्षा एक में नहीं हो सकता, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित मानक है। ऐसे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों और प्री-प्राइमरी कक्षाओं की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में अब तक 3,500 प्ले स्कूल खोले जा चुके हैं और 19,484 स्पेशल एजुकेटर नियुक्त किए जा चुके हैं।

विपक्ष का तेवर देखते हुए साफ है कि आने वाले दिनों में सत्र और भी गर्मा सकता है। शिक्षा, रोजगार, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार इन सवालों का जवाब किस तरह देती है और विपक्ष आंदोलन को किस दिशा में ले जाता है।