बिहारः चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने बैठक कर 36 एजेंडों में लगाई मुहर, सभी को खुश करने की कोशिश

डिजिटल डेस्क- बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार एक्शन के मूड में दिख रहे हैं, जहां विगत दिनों से लगातार बैठकें कर बड़े फैसले ले रहे हैं वहीं मंगलवार को कैबिनेट बैठक कर 36 बड़े एजेंडे में सीएम नीतीश कुमार ने फिर से मुहर लगाकर चुनाव से पहले बिहारियों को खुश करने की कोशिश की है। इन एजेंडे में डोमिसाइल नीति, मानदेय, शिक्षक भर्ती, स्कॉलरशिप आदि बड़े एजेंडे शामिल हैं।

प्रत्येक विस क्षेत्र में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी

सीएम नीतीश के बड़े एजेंडे में डिजिटल लाइब्रेरी शामिल है। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी। इन डिजिटल लाइब्रेरी मे जेई,नीट  जैसे विषयों के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होंगे।

दोगुना किया गया मानदेय

हाल ही में नीतीश ने रसोईयों का मानदेय दोगुना करने का फैसला लिया है। आज इसे भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। साथ ही फिजिकल टीचर का मानदेय भी दोगुना किया गया है। बता दें कि शारीरिक शिक्षकों का मानदेय 8000 से बढ़कर 16000 करने के प्रस्ताव को नीति सरकार ने मुहर लगा दिया है। रसोईया और रात्रि प्रहरी का मानदेय बढ़ा दिया गया है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी कर लिया है।

कृषि विभाग में होगी 712 पदों पर भर्ती

वहीं कृषि विभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यालय 712 पदों की स्वीकृति दी गई है।  जबकि संख्या की संगणक के 534 पर कृषि संख्या की अनुदेशक की 178 पदों की मंजूरी दी गई है। कृषि विभाग के अंतर्गत कृषि अधीनस्थ सेवा कोटी पांच पौधा संरक्षण नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई है।  साथ ही औरंगाबाद में अनुसूचित जाति जनजाति भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय बनेगा। 

आश्रितों को मिलेंगे अब 10000

इन एजेंडों में आश्रितों को मिलने वाली धनराशि को भी शामिल किया गया है। अब आश्रित को अब 3000 की जगह ₹10000 की राशि मिलेगी। उसी को लेकर यह संशोधन किया गया। बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग गठन की स्वीकृति भी दी गयी थी, जिसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे। इसके अलावा, कैबिनेट ने अन्य एजेंडों पर भी चर्चा की और कई विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी, हालांकि डोमिसाइल नीति सबसे ज्यादा चर्चा में रही। विपक्ष ने इस नीति का स्वागत किया है, लेकिन कुछ नेताओं ने इसे लागू करने में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की है। नीतीश सरकार का यह कदम बिहार में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नया अध्याय शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।