सेना पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई, कार्यवाही पर अस्थायी रोक दी

KNEWS DESK- भारतीय सेना पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की सख्त फटकार का सामना करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि “अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो इस तरह की बातें नहीं करेंगे।” अदालत ने राहुल गांधी से यह भी पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है? क्या वह वहां मौजूद थे या उनके पास कोई प्रमाणिक स्रोत था?

यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आई, जिसमें राहुल गांधी ने भारतीय सेना पर टिप्पणी को लेकर एक निचली अदालत द्वारा जारी समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सलाह दी कि एक जिम्मेदार विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें अपनी बातें संसद में रखनी चाहिए, सोशल मीडिया या यात्राओं में नहीं। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीमा विवाद के दौरान दोनों पक्षों में नुकसान होना असामान्य नहीं है।

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि विपक्ष के नेता का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाएं। उन्होंने कहा, “अगर प्रेस में छपी खबरों को दोहराना अपराध है, तो कोई भी विपक्ष का नेता नहीं रह सकता।”

सुप्रीम कोर्ट की ‘सच्चे भारतीय’ वाली टिप्पणी पर सिंघवी ने कहा कि “एक सच्चा भारतीय यह भी कह सकता है कि हमारे 20 सैनिक शहीद हुए, और यह चिंता का विषय है।”

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि “राहुल गांधी के पास एक उचित मंच मौजूद था और उन्हें जिम्मेदारी के साथ बयान देना चाहिए था।” सिंघवी ने जवाब में स्वीकार किया कि शायद राहुल गांधी को अपनी बात और बेहतर ढंग से रखनी चाहिए थी, लेकिन यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध और शिकायतकर्ता द्वारा उत्पीड़न के प्रयास से प्रेरित है।

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ लखनऊ की निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर अस्थायी रोक लगा दी है। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 29 मई को उनकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत में अपील की।

राहुल गांधी की ओर से वकील प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि शिकायत मनगढ़ंत है और राहुल लखनऊ के निवासी नहीं हैं, इसलिए उन्हें समन जारी करने से पहले अदालत को शिकायत की वैधता और सत्यता की जांच करनी चाहिए थी।

यह मामला दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर भारतीय सेना को लेकर दिए गए बयान से जुड़ा है। शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा विवाद पर सेना को लेकर कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं। निचली अदालत ने उस समय राहुल को समन जारी कर मुकदमे का सामना करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि राजनीतिक बयानबाज़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं, भले ही वे विपक्ष के नेता हों। अदालत ने संकेत दिया कि सार्वजनिक जीवन में भाषा की मर्यादा और जिम्मेदारी का निर्वहन आवश्यक है।