KNEWS DESK- दिल्ली विधानसभा ने पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए खुद को देश की पहली पूरी तरह सौर ऊर्जा और कागज रहित डिजिटल विधानसभा घोषित कर दिया है। रविवार को केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 500 किलोवॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र और नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और ऊर्जा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद थे। दिल्ली विधानसभा की यह पहल अब देशभर की विधानसभाओं के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन गई है।
अब विधानसभा की सारी बिजली 100% सौर ऊर्जा से प्राप्त होगी, जिससे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हर महीने करीब 15 लाख रुपये की बिजली बचत भी होगी। सालाना यह आंकड़ा 1.75 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। अतिरिक्त ऊर्जा नेट मीटरिंग के जरिए ग्रिड में भी जोड़ी जाएगी।
ई-विधान प्रणाली के जरिए कार्यवाही अब पूरी तरह पेपरलेस हो गई है। सोमवार को शुरू हो रहे मानसून सत्र में पहली बार कोई भी कागजी दस्तावेज उपयोग में नहीं लाया जाएगा। विधायकों की उपस्थिति भी अब NeVA ऐप पर लॉग-इन के माध्यम से दर्ज की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि यह तकनीकी बदलाव सिर्फ 100 दिनों में सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया। उन्होंने कहा, “1912 में बने इस ऐतिहासिक भवन में देश की पहली संसद चली थी, और आज यह भवन तकनीकी दृष्टि से सबसे उन्नत बन चुका है।” उन्होंने यह भी कहा कि बिजली बचत से जो धनराशि बचेगी, उसे जनता के विकास कार्यों में लगाया जाएगा।
रविवार को सभी विधायकों के लिए नेवा पर लाइव प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें स्मार्ट डेलीगेट यूनिट्स, रीयल-टाइम दस्तावेज़, वोटिंग पैनल, एचडी कैमरा युक्त एवी सिस्टम, आरएफआईडी और एनएफसी आधारित एक्सेस तकनीक की जानकारी दी गई। अब विधायक डिजिटल फाइलें देख सकेंगे, संशोधन कर सकेंगे और वोटिंग भी ऑनलाइन कर पाएंगे।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिल्ली विधानसभा की इस पहल को “देश के लिए एक नई मिसाल” बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल भारत और स्वच्छ ऊर्जा मिशन का हवाला देते हुए कहा कि यह कदम उसी दिशा में एक ठोस उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे सरकार की “पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली अब उन 20 राज्यों की सूची में शामिल हो गई है जिन्होंने ई-विधान प्रणाली अपनाई है, लेकिन यह पहली विधानसभा है जो पूरी तरह सौर ऊर्जा और डिजिटल माध्यम से चल रही है।
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने इसे दिल्ली के सौर ऊर्जा अभियान का बड़ा हिस्सा बताया, जबकि उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने इसे लोकतंत्र और सतत विकास का आदर्श मेल करार दिया।