KNEWS DESK- कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की चयन पोस्ट फेज-13 परीक्षा में कथित धांधली और कुप्रबंधन के खिलाफ देशभर से आए हजारों छात्र शुक्रवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए। युवा अभ्यर्थियों के इस आंदोलन को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन मिला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “देश का युवा सड़क पर है और लाठियां खा रहा है, क्योंकि वो अपने भविष्य के लिए सवाल पूछ रहा है।”
अरविंद केजरीवाल ने लिखा, “SSC की परीक्षाएं लाखों युवाओं की ज़िंदगी बदल सकती हैं। लेकिन जब पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में हो, तो युवाओं का सिस्टम पर भरोसा कैसे कायम रहेगा? ये लाठियां सिर्फ छात्रों पर नहीं चलीं, ये देश के भविष्य और उम्मीदों पर हमला है। अब सिस्टम को जवाब देना होगा।”
प्रदर्शन कर रहे छात्रों और अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि SSC चयन पोस्ट फेज-13 परीक्षा में कई गंभीर खामियां थीं:
- परीक्षा रद्द: 24 से 26 जुलाई के बीच की कई परीक्षाएं प्रशासनिक और तकनीकी कारणों से अचानक रद्द कर दी गईं, लेकिन स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।
- परीक्षा केंद्रों की विसंगतियां: कुछ अभ्यर्थियों का केंद्र कानपुर से कर्नाटक स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे उन्हें भारी असुविधा हुई।
- प्रश्न पत्र की समानता: अभ्यर्थियों का दावा है कि कई दिनों की परीक्षाओं में एक जैसे सवाल पूछे गए, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
- तकनीकी समस्याएं: परीक्षा के दौरान सिस्टम क्रैश, सॉफ्टवेयर गड़बड़ी, और गलत उत्तर जैसी समस्याएं लगातार सामने आईं।
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा आयोजित करने का टेंडर पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के पास था, लेकिन अब यह एक काली सूची में दर्ज कंपनी को दे दिया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रौनक खत्री ने कहा कि, “इस वेंडर की तकनीकी दक्षता पर गंभीर सवाल हैं। परीक्षा में अनगिनत त्रुटियों के बावजूद आयोग मौन है।”
प्रदर्शन के दौरान बिना अनुमति के धरना देने पर पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में ले लिया और शुक्रवार दोपहर बाद तीन बजे तक जंतर-मंतर को खाली करा लिया गया। गुरुवार को भी कई अभ्यर्थियों और शिक्षकों को हिरासत में लिया गया था, जिससे प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और बढ़ गई है।