डिजिटल डेस्क- सीएम नीतीश कुमार द्वारा बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय बढोत्तरी का फैसला करते ही बिहार की सियासत तेज हो गई है। सीएम नीतीश कुमार के फैसले का जिक्र करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री के कार्यकाल के फैसलों को अपना फैसला बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि ये डरी हुई, थकी हुई और नकलची सरकार है। इस दृष्टिहीन और विजन रहित सरकार का डर देखकर अच्छा लगता है। इनके मंत्री और विधायक जहां पहले इस फैसले का माखौल उड़ाते थे, वहीं अब खुद इसे लागू कर रहे हैं।
हमारी मांग के आगे सरकार को झुकना ही पड़ा
सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लिखा कि मैंने 17 महीने स्वास्थ्य मंत्री रहते आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू दी थी जो अंतिम स्टेज में थी लेकिन तब तक सरकार और मुख्यमंत्री आदतन पलटी मार गए। ये निकम्मी एनडीए सरकार उस पर भी दो साल से कुंडली मार कर बैठी रही। अब आखिरकार इन्हें आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की हमारी इस मांग के सामने भी झुकना ही पड़ा।
हमने अपने अल्प कार्यकाल में ही बढ़ा दिया था मानदेय
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि यहाँ सरकार ने चालाकी करते हुए हमारी इस मांग को पूर्णरूपेण लागू नहीं किया। इनको प्रोत्साहन राशि नहीं बल्कि मानदेय मिलना चाहिए। हम इन्हें मानदेय देंगे।” अब इस सरकार को आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका और रसोइयां के मानदेय में भी बढ़ोतरी करने की हमारी मांग को भी मजबूरन मानना ही पड़ेगा। हमारे 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में ही हमने विकास मित्र, शिक्षा मित्र/टोला सेवक, तालीमी मरकज़ और पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया था।
20 साल से मूंगफली छिल रहे थे नीतीश कुमार
हमारी मांगों, घोषणाओं, वादों, इरादों और दावों को देखकर इस नकलची, थकी-हारी, दृष्टिहीन और विजन रहित सरकार का डर देखकर अच्छा लगता है। ये डर अच्छा है लेकिन 20 साल तक क्या ये मूँगफली छील रहे थे? यही सरकार, इनके नेता-मंत्री और अधिकारी जो हमारी घोषणा का मखौल उड़ाते थे वो अब सत्ता जाते देख दौड़ रहे है। सब कुछ तेजस्वी का ही नक़ल करोगे या अपनी भी अक्ल लगाओगे?